Zee News DNA on New Year 2024 and Manali- Shimla Traffic Jam: वर्ष 2023 का आखिरी हफ्ता आज से शुरू हो गया है. आज Christmas भी है और अब new year भी आने वाला है. लोग Celebration के मूड में है. Christmas और new year की छुट्टियों पर लोग vacation मनाने ट्रिप पर निकले हैं. इस बार दोनों ही festival, weekend के साथ हैं. इसलिए लोगों को Celebration करने का extra टाइम मिल है. ऐसा लग रहा है जैसे 4 दिन की लीव पर 10 दिनों की छुट्टी वाली स्कीम चल रही हो. लेकिन, दिक्कत ये है कि weekend पर festival वाली स्कीम पर एक साथ हजारों लोगों ने प्लान बना लिया है. ठंड बढ़ गई है, इसलिए हर कोई पहाड़ों पर Celebration के मूड में है. लेकिन यही सोच लोगों को जाम के जाल में फंसा रही है.


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मनाली में लगा लंबा जाम


मनाली में Christmas पर पैर रखने तक की जगह नहीं बची है. Christmas और new celebration के लिए लोग बहुत बड़ी संख्या में मनाली पहुंचे है. इसलिए मनाली में लंबा जाम लग गया. हाल ये है कि मनाली में होटल करीब-करीब फुल हो चुके हैं. लंबा weekend होने की वजह से शनिवार से भारी संख्या में पर्यटक मनाली पहुंचने लगे थे. रविवार दोपहर तक मनाली से कुछ किलोमीटर पहले ही लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. शाम तक जाम से निजात नहीं मिल पाई. यहां पहुंचे पर्यटक गाड़ी का clutch दबाते दबाते थक गए है. लेकिन गाड़ी घंटों बाद भी सिर्फ कुछ मीटर आगे ही बढ़ पा रही थी.


सोलंग नाला से पलचान तक केवल गाड़ियां ही गाड़ियां नजर आई. मनाली में पर्यटकों की भीड़ का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि वहां के ज्यादातर होटल बिल्कुल फुल हो चुके है. जैसे-जैसे पर्यटक मनाली पहुंच रहे है...वैसे-वैसे ट्रैफिक जाम बढ़ता गया. हिमाचल में कुल्लू, मनाली और शिमला तीनों ही टूरिस्ट प्लेस पर फिलहाल खचाखच भीड़ है. hill stations पर ऐसी भीड़ लगी है कि कोई हिसाब नहीं है. भीड़ को control करने के लिए traffic police नजर तो आ रही है, लेकिन गाड़ियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि पुलिस के भी पसीने छूट गए है.


न रहे इधर के न उधर के


रविवार रात तक 65,000 पर्यटकों के साथ 12,000 वाहनों ने रोहतांग सुरंग को पार किया. शिमला में रविवार को साढ़े 12 घंटे में 13 हजार 118 गाड़ियों की आवाजाही हुई है. इनमें 6,006 गाड़ियां सोलन से शिमला की तरफ आई, जबकि 7 हजार 112 गाड़ियां शिमला से सोलन की तरफ गई. कुल 13 हजार 118 गाड़ियों में 5 हजार 702 गाड़ियां बाहरी राज्यों की हैं. पहाड़ों पर जाम में फंसकर समय खराब हो रहा है, पेट्रोल बर्बाद हो रहा है, प्रदूषण भी बढ़ रहा है. हाल ये है कि पार्किंग तक की जगह नहीं बची है.


Lahaul Spiti का हाल भी शिमला, शिलोंग और मनाली जैसा ही है...यहां इतनी गाड़ियां पहुंच गई है कि चारों तरफ सिर्फ कारें ही कारें है. लाहौल स्पीति में भी इतने पर्यटक पहुंच गए है कि पार्किंग तक की जगह नहीं बची है. अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये जाम सिर्फ अभी का है तो आप गलत है...नया साल आने के बाद लोग वापस लौटेंगे यानी 1 और 2 जनवरी को भी पहाड़ों पर ऐसी ही स्थिति बनेगी. 


शिमला में भी हालात कुछ अलग नहीं


हिमाचल, उत्तराखंड के पहाड़ों पर लोग बड़ी संख्या में Christmas और new year का Celebration मनाने पहुंचे है. जिसकी वजह से लोगों को घंटों जाम का सामना भी करना पड़ा. जाम से बचते हुए लोग hill station तक तो पहुंच गए है, लेकिन वहां भी पैर रखने तक की जगह नहीं है. शिमला में हर तरफ रंग बिरंगी lights नजर आ रही है. चर्च को बेहद खुबसूरत तरीके से सजाया गया है. जो लोग जाम से बचते हुए हिल स्टेशन पर पहुंच गए है. वो अपने आपको किस्मत वाला समझ रहे है.


भीड़ को देखते हुए अब प्रशासन भी सिर्फ उन लोगों को आगे जाने दे रहा है जिसके पास होटल की पहले से booking है, यानि जिन्होंने होटल पहले ही बुक कर रखे है, जिनके पास होटल बुक करने का कोई proof नहीं है, उन्हें बीच रास्ते से ही लौटाया जा रहा है. हालाकि पहाड़ों पर Celebration के लिए पहुंच रहे लोगों की इस भीड को देखकर होटल मालिकों के चेहरे खिल गए है.


बाकी पर्यटक स्थलों पर भी ऐसे ही हालात


पहाड़ों पर गाड़ियों की ये कतार और जाम देखकर परेशानी होती है. क्योंकि शहरों की ये बीमारी अब पहाड़ों तक पहुंच गई है. पहाड़ों पर गाड़ियों का बोझ बढ़ रहा है. जिसके लिए हम सब जिम्मेदार है. केवल शिमला ही नहीं, बल्कि पुणे, महाबलेश्वर और चेन्नई, सब जगह जाम ही जाम है. चेन्नई में कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया. इसी तरह से पुणे में जाम में फंसकर कई गाड़ियां हांफने लगी. गाड़ियों में खराबी आ गई. महाबलेश्वर में गाड़ियों का जाम तो नहीं था, लेकिन लोगों ने जाम जैसी स्थिति जरूर बना दी. बोटिंग के लिए इतने पर्यटक पहुंचे की लोगों को अपनी बारी के लिए कई घंटे का इंतजार करना पड़ा.


जाम एक ऐसी बीमारी बन गया है जिसका कोई इलाज नहीं है. दिल्ली और मुंबई के लिए तो जाम महामारी बन चुका है. जहां हमेशा गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइन सड़कों पर दिखती है. लेकिन अब ये बीमारी पहाड़ों पर परेशानी बढ़ा रही है. पहाड़ों पर गाड़ियों के पहिए थम गए. बड़े बड़े हाईवें पर गाड़ियां रेंगती हुई नजर आई.



वृंदावन में भी टूट पड़ी ही भीड़


दिल्ली से वृंदावन की दूरी 170 किलोमीटर है. जहां बड़ी संख्या में लोग बांके बिहारी जी के दर्शन करने जाते है. दिल्ली के बेहद पास होने की वजह से लोग एक दिन में वृंदावन जाकर बांके बिहारी जी के दर्शन करके लौट आते है. क्रिसमस और न्यू ईयर से पहले, वीकेंड के चलते रविवार को भारी संख्या में लोग वृंदावन पहुंचे. सकरी गलियों में सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों की भीड़ थी. 


इस भीड़ में महिलाएं भी थी. बच्चे भी और बुजुर्ग भी. वृंदावन की गलियों में इतनी भीड़ थी कि लोगों को हिलने तक का मौका नहीं मिल रहा था. भीड़ के बीच महिलाएं बुरी तरह से फंसी हुई थी. बच्चे रो रहे थे. बांके बिहारी मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते इसी तरह से जाम हो गए. इस अव्यवस्था की वजह से भीड़ में फंसकर दो महिलाओं की मौत हो गई.


क्या ऐसे हालात में बाहर निकलना है ठीक?


अब सोचिए...ये हाल तब है जब भारत में कोरोना का नया स्ट्रेन JN.1 आ चुका है. ये हाल तब है जब प्रशासन मास्क पहनने और भीड़ में ना जाने की सलाह दे रहा है. ये हाल तब है जब बांके बिहारी मंदिर प्रशासन ने JN.1 को देखते हुए श्रद्धालुओं से स्वास्थ्य विभाग की guideline का पालन करने को कहा है. अव्यवस्था की ये तस्वीरें बता रही है कि मथुरा, वृंदावन में न तो भक्तों को भगवान के दर्शन करवाने के लिए कोई प्लानिंग है और न यातायात व्यवस्था लिए कोई प्लान है.