यह नियम उन सभी नौकरियों पर लागू होगा जिसकी अधिसूचना 1 फरवरी के बाद जारी होगी.
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नई दिल्ली: मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों (EWS) के लिए आरक्षण व्यवस्था लागू करने का फैसला कर लिया है. 1 फरवरी से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को केंद्र सरकार की नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा. यह नियम उन सभी नौकरियों पर लागू होगा जिसकी अधिसूचना 1 फरवरी के बाद जारी होगी. ऐसा मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है.
कार्मिक विभाग की तरफ जारी ज्ञापन के मुताबिक, आवेदनकर्ता की फैमिली में मतलब उनके माता-पिता और 18 साल से छोटे भाई-बहन शामिल हैं. इन सभी की इनकम मिलाकर 8 लाख रुपये सालाना से कम होनी चाहिए.
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सामान्य वर्ग में किसे मिलेगा आरक्षण
1. आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को लाभ मिल पाएगा.
2. सालाना आय 8 लाख रुपए से कम.
3. खेती योग्य जमीन 5 हेक्टेयर से कम हो.
4. आवासीय घर 1000 स्क्वॉयर फुट से कम.
5. नगरपालिका द्वारा नोटिफाइड आवासीय प्लॉट 109 यार्ड से कम.
6. नगरपालिका एरिया में नॉन-नॉटिफाइड आवासीय प्लॉट 209 यार्ड से कम होनी चाहिए.
सहयोगी वेबसाइट ज़ीबिज़ के मुताबिक, इस आरक्षण का फायदा उठाने के लिए सामान्य वर्ग के लोगों को ये कागजात दिखाने होंगे. आरक्षण का लाभ उन लोगों को ही मिलेगा जो आय प्रमाण पत्र जमा करेंगे. सरकार ने इसके लिए सालाना आय आठ लाख रुपए तय की है.
इसके अलावा सवर्ण आरक्षण का लाभ लेने के लिए जाति प्रमाणपत्र होना जरूरी है. हालांकि, अभी तक सामान्य वर्ग के प्रतियोगियों को कहीं भी जाति प्रमाणपत्र लगाने की जरूरत नहीं होती. आरक्षण के लाभ के लिए आपको यह साबित करना होगा कि आप सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर हैं.
जरूरी हैं ये दस्तावेज
पैन कार्ड सभी नौकरी और सेवाओं के लिए अनिवार्य है. अगर आपने अभी तक पैन कार्ड नहीं बनवाया है तो जल्द ही इसके लिए अप्लाई कर दें. शिक्षा और नौकरी में पैन कार्ड लगाना अनिवार्य है. आरक्षण का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड होना भी बेहद जरूरी है. आधार कार्ड भारतीय नागरिक होने की पहचान के तौर पर दिखाया जाता है. आधार कार्ड के जरिए आपकी पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है. इसलिए इसे आरक्षण का लाभ लेने के लिए भी देना होगा.
इनकम टैक्स रिटर्न
सामान्य वर्ग को आरक्षण का लाभ लेने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भी दिखानी पड़ सकती है. फॉर्म 16 के जरिए इस बात का प्रमाण देना होगा कि आप अपनी आय के अनुसार आयकर रिटर्न भर रहे हैं. आरक्षण के दायरे में आने का दावा भी इससे किया जा सकता है.