MP TET-2018 विवाद: शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, लाखों छात्रों को ये फायदा
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MP TET-2018 विवाद: शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, लाखों छात्रों को ये फायदा

MP TET 2018: सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में एक सत्र में दो डिग्री से संबंधित मामलों में फैसले ले लिया हैं. समिति के सुझावों पर गंभीरता से विचार करने के बाद विद्यालय शिक्षा विभाग की तरफ से अभ्यर्थियों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये हैं. 

MP TET-2018 विवाद: शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, लाखों छात्रों को ये फायदा

नई दिल्ली: स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन के राज्य मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के दौरान डॉक्यूमेंट्स वैरिफिकेशन को लेकर माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक की भर्ती में कुछ मामले अवैध पाए गए थे. इसको देखते हुए अस्थायी रूप से चयनित व प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों से प्राप्त अभ्यावेदनों के अवैध मामलों के समाधान के लिए एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति ने अपनी ओर से कई सुझाव दिए थे. इन सुझावों पर गंभीरता से विचार करने के बाद विद्यालय शिक्षा विभाग की तरफ से अभ्यर्थियों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये हैं.     

मंत्री श्री परमार ने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में एक सत्र में दो डिग्री से संबंधित मामलों में फैसले लिए गए हैं. अगर अभ्यर्थी ने एक डिग्री स्व-अध्ययन, पत्राचार या फिर दूरस्थ शिक्षा के माध्यम प्राप्त की है और वहीं उसके पास दूसरी रेगुलर डिग्री है, तो उस अभ्यर्थी की अभ्यर्थिता वैध मानी जाएगी. इसके अलावा अगर अभ्यर्थी ने दोनों डिग्रियां स्व-अध्ययन, पत्राचार या दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राप्त की हो, तो भी उसकी अभ्यर्थिता मान्य होगी. इसी के साथ परीक्षा में एटीकेटी के कारण अगर एक सत्र में दो रेगुलर डिग्रियां प्राप्त की जा रही हैं, लेकिन ऐसी स्थिति एटीकेटी की अंक सूची में उल्लिखित सत्र या वर्ष के कारण हो रही है, तो ऐसे मामले में भी अभ्यर्थी की अभ्यर्थिता मान्य होगी. 

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मंत्री श्री परमार ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से सत्र के देरी से पूरा होने के कारण परीक्षाएं देरी से समाप्त हो रही हैं. ऐसी स्थिति में दो रेगुलर डिग्री एक ही वर्ष में समाप्त हो रही हैं, जिसको देखते हुए योग्यता के आधार पर फैसला लेने के लिए नियुक्तिकर्ता अधिकारी को अधिकृत किया गया है. वहीं इसके अलावा अगर कोई अन्य मामला सामने आता है तो नियुक्ति अधिकारी योग्यता के आधार पर फैसला ले सकेंगे.  

उन्होंने कहा कि हाईस्कूल या उच्च माध्यमिक स्कूल में शिक्षण कार्य के लिए नियुक्त होने वाले उच्च माध्यमिक शिक्षक की पात्रता परीक्षा विषयों के अनुसार होगी. पात्रता परीक्षा हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, गणित, जीव विज्ञान (वनस्पति विज्ञान / प्राणीशास्त्र), भौतिकी, रसायन विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, भूगोल, समाजशास्त्र, कृषि, वाणिज्य और गृह विज्ञान से जुड़े विषयों में आयोजित की जाएगी. बता दें कि अभ्यर्थी के पास संबंधित विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री होनी अनिवार्य है.

अंग्रेजी विषय के माध्यमिक शिक्षक के पद के लिए केवल उन्हीं अभ्यर्थियों की अभ्यर्थिता मान्य होगी, जिनकी स्नातक स्तर पर अंग्रेजी मुख्य विषयों में से एक होगी. स्नातक स्तर पर फाउंडेशन कोर्स या सामान्य अंग्रेजी के स्नातक स्तर में होने पर अभ्यर्थिता मान्य नहीं होगी.

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