अब मोबाइल पर करें JEE-NEET की तैयारी, लॉन्च हुआ रिवीजन कम टेस्ट पैकेज App
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अब मोबाइल पर करें JEE-NEET की तैयारी, लॉन्च हुआ रिवीजन कम टेस्ट पैकेज App

इस ऐप में 250 से ज्यादा इंफोग्राफिक्स, कॉन्सेप्टस और फाम्युर्ले के रिवीजन के लिए फ्लैशचार्ट, प्रैक्टिस के लिए 150 से ज्यादा टेस्ट शामिल हैं.

App में हर टेस्ट में पूछे गए सवालों का डिटेल सोल्यूशन और विश्लेषण दिया गया है.

नई दिल्ली : किसी भी कंपटिशन की तैयारी के लिए छात्रों को मोटी-मोटी किताबें पढ़नी होती हैं. किसी किताब से किस बिषय पर सवाल आ जाए, यह समस्या बनी रहती है. लेकिन तकनीक की इस दुनिया ने इस समस्या का भी समाधान खोज निकाला है. अब जेईई, एम्स और एनईईटी की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को किताबों से नहीं जूझना होगा, मोबाइल ऐप पर ही परीक्षा की तैयारी की जा सकती है.

एड-टेक कंपनी सेल्फस्टडी ने जेईई, एनईईटी और एआईएमएस की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए 'रिवीजन कम टेस्ट पैकेज' ऐप लांच किया है. सेल्फस्टडी ने एक बयान में कहा कि उसके सेल्फस्टडी ऐप को बहुत थोड़े समय में एक लाख से ज्यादा छात्रों ने डाउनलोड कर लिया है. 

अब प्रवेश परीक्षा की तैयारी के सेग्मेंट में सेल्फस्टडी ने 'सेल्फस्टडी रिविजन कम टेस्ट पैकेज' नाम का नया ऐप लांच किया है. कंपनी का उद्देश्य छात्रों को तनाव और मोटी-मोटी किताबों और नोट्स को पढ़ने से आजादी दिलाना है. रिवीजन पैकेज के कंटेंट को आईआईटी और एनईईटी बैकग्राउंड के विशेषज्ञों के लगातार प्रयासों और कड़ी मेहनत से विकसित किया गया है.

150 से ज्यादा टेस्ट शामिल
कंपनी ने बताया कि इस पैकेज में 250 से ज्यादा इंफोग्राफिक्स, कॉन्सेप्टस और फाम्युर्ले के रिवीजन के लिए फ्लैशचार्ट, प्रैक्टिस के लिए 150 से ज्यादा टेस्ट शामिल है और यह सब 12 महीनों के लिए 1999 रुपये की कीमत पर उपलब्ध है. 

सेल्फस्टडी के सह-संस्थापक प्रसेनजीत सिंह ने बताया कि एनईईटी एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए सेल्फस्टडी के रिवीजन कम टेस्ट पैकेज के साथ परीक्षा की तैयारी करना कभी इतना आसान नहीं रहा. इससे पहले छात्रों को अपने महत्वपूर्ण नोट्स तैयार करने और प्रैक्टिस के लिए अच्छे सवाल की तलाश में काफी समय बर्बाद करना पड़ता था. अब उनका वह समय बचेगा और छात्र अपना ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई में लगा सकेंगे. इससे एनईईटी 2019 में छात्रों के सिलेक्शन का चांस निश्चित रूप से कई गुना बढ़ गया है.

उन्होंने बताया कि इसमें हर टेस्ट में पूछे गए सवालों का डिटेल सोल्यूशन और विस्तृत विश्लेषण दिया गया है, ताकि कोई छात्र अपने मजबूत प्वॉइंट्स और कमजोरियों को अच्छी तरह समझ सके. इससे छात्रों को यह भी पता चलता है कि वह किन विषयों में पिछड़ रहे हैं. किसी भी टेस्ट को कुछ समय के बाद दोबारा दिया जा सकता है. 

(इनपुट आईएएनएस से)

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