येदियुरप्पा के जाने के बाद नई सरकार पर रहेगा कर्जमाफी का दबाव
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येदियुरप्पा के जाने के बाद नई सरकार पर रहेगा कर्जमाफी का दबाव

कर्नाटक में फ्लोर टेस्ट से पहले ही मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस और जेडीएस शामिल सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है.

येदियुरप्पा के जाने के बाद नई सरकार पर रहेगा कर्जमाफी का दबाव

बेंगलुरु/ नई दिल्ली : कर्नाटक में फ्लोर टेस्ट से पहले ही मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस और जेडीएस शामिल सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है. माना जा रहा है कि येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक का नया मुख्यमंत्री बनने के लिए दावा पेश करेंगे. कर्नाटक में बीजेपी की सरकार गिरने के बाद नई सरकार का गठन अगले कुछ दिनों में होने की उम्मीद है. लेकिन इस सबके बीच नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती किसानों की कर्ज माफी होगी.

एक लाख रुपये छूट की घोषणा की थी
आपको बता दें कि 17 मई को कर्नाटक के 25 वें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही बीएस येदियुरप्पा ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए सबसे पहले किसानों के ऋण में एक लाख रुपये तक की छूट की घोषणा की थी. अब जब करीब 55 घंटे बाद येदियुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, ऐसे में नई सरकार पुरानी सरकार के फैसले को जारी रखेगा या नहीं, यह सबसे बड़ा सवाल है.

सबसे बड़ी पार्टी है बीजेपी
गुरुवार को जब येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ लेने के लिए राजभवन पहुंचे थे तो उन्होंने हरे रंग की शॉल ओढ़ी हुई थी. बताया जा रहा था कि यह शॉल येदियुरप्पा ने किसानों के समर्थन में ओढ़ी थी. गौरतलब है कि 15 मई को आए कर्नाटक विधानसभा के चुनावी नतीजों के बाद बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीट मिली थी. इसके बाद कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए जेडीएस को बिना शर्त समर्थन दे दिया.

16 मई को चुने गए विधायक दल के नेता
15 मई को चुनावी नतीजे आने के बाद राज्य में दो दिन तक चली उठापटक के बीच राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को बुधवार रात सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. येदियुरप्पा को 16 मई को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद कांग्रेस और जेडीएस के प्रतिनिधि मंडल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर तुरंत सुनवाई करने और येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की मांग की थी. जिसे अदालत ने खारिज करते हुए शनिवार शाम 4 बजे विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया.

फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा
इसके बाद बीजेपी को 19 मई को बहुमत साबित करना था, लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही येदियुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि कुछ मीडिया रिपोटर्स में यह पहले ही दावा किया जा रहा था कि 111 विधायकों का समर्थन नहीं मिलने की स्थिति में येदियुरप्पा फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद येदियुरप्पा ने सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का अपना ही रिकॉर्ड भी तोड़ दिया.

इससे पहले 2004 के विधानसभा में भी जब बीजेपी कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, तब पार्टी सरकार नहीं बना पाई थी. बाद में 2007 में जोड़तोड़ कर बीजेपी का जेडीएस के साथ गठबंधन हो गया था. लेकिन येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 7 दिन के भीतर जेडीएस ने अपना समर्थन वापस ले लिया और येदियुरप्पा सरकार गिर गई. शनिवार को येदियुरप्पा फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा देकर सात दिन के बजाय ढाई दिन के मुख्यमंत्री बनकर रह गए.

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