जनवरी, 1998 में आम चुनाव से तत्काल पहले उन्होंने www.dataindia.com और www.ananth.org जैसी स्वतंत्र वेबसाइटों को लांच किया. टेक-सेवी अनंत कुमार इस काम को करने वाले देश के पहले राजनेता थे.
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बेंगलुरू: कर्नाटक में बीजेपी को हाशिए से मुख्यधारा की सियासत में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वाले अनंत कुमार (59) का बीती रात कैंसर की बीमारी से निधन हो गया. कहा जाता है कि लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा के साथ मिलकर कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में अनंत कुमार की अहम भूमिका रही. इन नेताओं के प्रयासों का ही नतीजा था कि कर्नाटक के रूप में दक्षिण में पहली बार बीजेपी का 'कमल' खिला. हालांकि ये भी कहा जाता है कि जब येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने तो दोनों नेताओं के बीच गहरे मतभेद भी उभरे.
1. 22 जुलाई, 1959 को बेंगलुरू में एचएन नारायण शास्त्री और मां का नाम गिरिजा शास्त्री के घर अनंत कुमार का जन्म हुआ. उन्होंने कर्नाटक यूनिवर्सिटी से बीए और एलएलबी की डिग्री ली.
2. शुरुआत से ही आरएसएस की विचारधारा से जुड़े प्रखर विचारक और संगठनकर्ता अनंत कुमार इसकी छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के भी सदस्य रहे. बेंगलुरू दक्षिण से छह बार लोकसभा सांसद रहे अनंत कुमार पहले ऐसे राजनेता थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में कन्नड़ भाषा में संबोधन किया.
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3. आपातकाल के दौर (1975-77) में हजारों छात्र कार्यकर्ताओं के साथ उनको भी गिरफ्तार किया गया. एबीवीपी के राज्य सेक्रेट्री चुने गए और उसके बाद 1985 में इसके नेशनल सेक्रेट्री बने.
4. उसके बाद बीजेपी को ज्वाइन किया और भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष बने. 1996 में वह पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बने. उसी साल पहली बार 11वीं लोकसभा के लिए चुने गए.
5. जनवरी, 1998 में आम चुनाव से तत्काल पहले उन्होंने www.dataindia.com और www.ananth.org जैसी स्वतंत्र वेबसाइटों को लांच किया. टेक-सेवी अनंत कुमार इस काम को करने वाले देश के पहले राजनेता थे. वह उस साल दूसरी बार बेंगलुरू दक्षिण से चुने गए और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री बने. उस सरकार में वह सबसे कम उम्र के मंत्री थे.
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6. 1999 में तीसरी बार सांसद बने और बीजेपी के नेतृत्व में गठित एनडीए सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने पर्यटन, खेल और युवा मामले, संस्कृति, शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन एवं संसदीय कार्यमंत्री के रूप में काम किया.
7. बेजोड़ संगठन क्षमता के कारण 2003 में वह बीजेपी की कर्नाटक राज्य यूनिट के अध्यक्ष बने. उनके नेतृत्व में विधानसभा में बीजेपी सबसे बड़ा दल बनकर उभरी और 2004 के आम चुनावों में यहां से सबसे ज्यादा सीटें बीजेपी को मिलीं.
8. 2004 में उनको बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में पार्टी को मजबूत बनाने में उन्होंने योगदान दिया.
9. मई, 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद केंद्रीय रसायन और उवर्रक मंत्री बने. जुलाई, 2016 में मोदी सरकार में उनको संसदीय कार्यमंत्री भी बनाया गया.
10. 1996 से बेंगलुरू दक्षिण से छह बार लोकसभा सांसद चुने गए. उनके परिवार में पत्नी डॉ तेजस्विनी के अलावा दो बेटियां ऐश्वर्या और विजेता हैं.