अगर येदियुरप्पा फ्लोर टेस्ट में हारे तो मुख्मयंत्री रहने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देंगे!
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अगर येदियुरप्पा फ्लोर टेस्ट में हारे तो मुख्मयंत्री रहने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देंगे!

इससे पहले 2004 के विधानसभा में भी जब बीजेपी कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.

बीएस येदियुरप्पा ने 17 मई को कर्नाटक के सीएम पद की शपथ ली है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को 19 मई शाम चार बजे राज्य विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है. अगर येदियुरप्पा सदन के पटल पर बहुमत साबित कर देते हैं तो वे अपना ही पुराना खराब रिकॉर्ड तोड़ने से बच जाएंगे. इससे पहले 2004 के विधानसभा में भी जब बीजेपी कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, तब पार्टी सरकार नहीं बना पाई थी. बाद में 2007 में जोड़तोड़ कर बीजेपी का जेडीएस के साथ गठबंधन हो गया था. लेकिन येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के सात दिन के भीतर जेडीएस ने अपना समर्थन वापस ले लिया और येदियुरप्पा सरकार गिर गई.

अगर कल येदियुरप्पा एक बार फिर फ्लोर टेस्ट में फेल हो गए, तो इस बार सात दिन के बजाय ढाई दिन के मुख्यमंत्री बनकर रह जाएंगे. इस तरह वे अपना ही पुराना रिकॉर्ड तोड़ देंगे.

रातभर के सीएम रहे थे जगदंबिका पाल
वैसे बीजेपी में सबसे कम दिनों तक मुख्यमंत्री रहने वाले जगदंबिका पाल भी मौजूद हैं. कभी कांग्रेस नेता रहे पाल इस समय डुमरियागंज से बीजेपी सांसद हैं. उत्तर प्रदेश में ऐसे ही सियासी उठापटक के बीच वे रातभर के लिए मुख्यमंत्री बन गए थे. दरअसल उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने 21 फरवरी 1998 को तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार को बर्खास्त कर दिया था. उसके बाद पाल को मुख्यमंत्री बना दिया गया था. 23 फरवरी को हाइकोर्ट ने कल्याण सिंह सरकार बहाल कर दी. हालांकि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल को अदालत ने शून्य माना, इसलिए उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री नहीं माना जाता है.

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शनिवार को होगी येदियुरप्पा की अग्निपरीक्षा
सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में शनिवार शाम चार बजे बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं और तब तक उनके किसी भी तरह के नीतिगत फैसलों पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश ए.के. सीकरी, न्यायाधीश एस.ए. बोबडे और न्यायाधीश अशोक भूषण की पीठ ने शनिवार शाम चार बजे बहुमत साबित करने का आदेश देते हुए कहा कि विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य, अस्थाई स्पीकर नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे और फिर बहुमत परीक्षण कराएंगे.

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न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा दायर येदियुरप्पा की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बहुमत परीक्षण के लिए एक सप्ताह का समय देने की मांग की थी. 

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