बीजेपी ने विधायकों की आज रात 9 बजे बैठक बुलाई है. उधर, कांग्रेस के 77 विधायक हैदराबाद से बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए है.
Trending Photos
बेंगलुरु: कर्नाटक में सियासी ड्रामा पल-पल बदल रहा है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को कल विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करना है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करके बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दिए गए 15 दिन के समय में कटौती कर दी है. बीजेपी ने विधायकों की आज रात 9 बजे बैठक बुलाई है. उधर, कांग्रेस के 77 विधायक हैदराबाद से बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए है.
इसी बीच, मीटिंग में हिस्सा लेने जा रहे मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने दावा किया उन्हें जरूरी बहुमत से ज्यादा वोट मिलेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस-जेडीएस के विधायक संपर्क में है? इस पर येदियुरप्पा ने कहा कि नि:संदेह वे हमारे संपर्क में हैं. उनके समर्थन के बिना हम बहुमत कैसे साबित कर पाएंगे? येदियुरप्पा ने कहा कि हम फ्लोर टेस्ट में 101% जीतेंगे. कुछ इसी तरह का दावा कर्नाटक में पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी किया था.
Of course they are with us, if the MLAs from Congress & JD(S) don't support us, how can we prove majority? We will win the floor test 101%: BS Yeddyurappa, CM of Karnataka. pic.twitter.com/pvrN7xoMUP
— ANI (@ANI) May 18, 2018
इसी बीच न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, कांग्रेस ने एक ऑडियो क्लिप जारी की है जिसमें जनार्दन रेड्डी रायचुर ग्रामीण सीट के विधायक को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. ऑडियो क्लिप पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सफाई दी है. जावड़ेकर ने कहा, "यह ऑडियो सीडी कांग्रेस के कारगुजारी करने वाले विभाग का कृत्य है. यह सीडी फर्जी है."
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कर्नाटक विधानसभा के अस्थाई अध्यक्ष के तौर पर बीजेपी के वरिष्ठ विधायक केजी बोपैय्या की नियुक्ति का बचाव करते हुए कांग्रेस के विरोध को ‘बेवजह का हंगामा’ करार दिया. कर्नाटक विधानसभा में कल येदियुरप्पा को बहुमत साबित करना है और बोपैय्या को सदन की इस अहम कार्यवाही के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है. बीजेपी के कर्नाटक मामलों के प्रभारी जावड़ेकर ने कहा कि 2008 की तत्कालीन सरकार ने भी बोपैय्या को यह जिम्मदारी दी थी.
जावड़ेकर ने ट्वीट किया, "राज्यपाल ने 2008 में भी केजी बोपैय्या को अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त किया था. उस समय उनकी उम्र आज से दस साल कम थी. कांग्रेस इस प्रकार बेवजह हंगामा कर रही है. बोपैय्या जी की नियुक्ति नियम और कानून के अनुसार है. ’’
उन्होंने कहा, "जब तत्कालीन राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर ने 2008 में बोपैय्या को कर्नाटक विधानसभा का अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त किया था, तो कांग्रेस ने उसका विरोध नहीं किया था. झारखंड में जब एक जूनियर विधायक को इस पद पर नियुक्त किया गया था तो कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने उसका अदालत में बचाव किया था. अब वे आपत्ति जाहिर कर रहे हैं. यह कांग्रेस का ढोंग है."
कांग्रेस -जेडीएस गठबंधन बोपैय्या को अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त करने के राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने पर विचार कर रही है. बोपैय्या 2009 से 2013 तक कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष थे और उन्हें येदियुरप्पा का करीबी समझा जाता है.