इस बीच एक महीना पहले अपना बहुमत साबित करने में नाकाम रहने के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर सुर्खियों से दूर बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा की अचानक सक्रियता से सियासी हलचलें और भी तेज हो गई हैं
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नई दिल्ली: कर्नाटक में विपक्षी एकजुटता के नाम पर गठित जेडीएस और कांग्रेस सरकार के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इस सरकार के मुखिया के तौर पर जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी के 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद दोनों दलों में विभागों के बंटवारे को लेकर पहले लंबी खींचतान हुई. उसका किसी तरह हल निकलने के बाद अब कांग्रेस पार्टी को अपने नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल ये नाराजगी कांग्रेस में मंत्री पद की चाह रखने वाले कई नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से उपजी है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने बागी तेवर अपनाने वाले अपने नेताओं को मनाने की काफी कोशिशें की हैं लेकिन अंतर्कलह शांत नहीं हुई है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस मतभेद इस हद तक बढ़ गए हैं कि कांग्रेस का बागी धड़ा, बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर राज्य सरकार को गिराने के मूड में है. अखबार की इस रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त बेंगलुरु के सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा जोरों पर चल रही है कि पांच जुलाई को पहला अपना बजट पेश करने जा रहे एचडी कुमारस्वामी सरकार को उससे पहले ही गिरा दिया जाएगा.
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येदियुरप्पा की अमित शाह से मुलाकात
इस बीच एक महीना पहले अपना बहुमत साबित करने में नाकाम रहने के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर सुर्खियों से दूर बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा की अचानक सक्रियता से सियासी हलचलें और भी तेज हो गई हैं. इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को बेहद खामोशी से अहमदाबाद जाकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक एक महीने तक लो-प्रोफाइल रहने के बाद येदियुरप्पा की इस अचानक यात्रा से बेंगलुरु में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि एक बार वह फिर से सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त हैं और इसी कड़ी में बीजेपी अध्यक्ष से मिलने के लिए अहमदाबाद गए. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक उनसे कहा गया कि फिलहाल जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए. हालांकि आधिकारिक रूप से बीजेपी की तरफ से कहा गया कि 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर विचार-विमर्श के लिए येदियुरप्पा अहमदाबाद गए थे. इस दौरान उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष को 29 जून को होने वाली पार्टी की राज्य कार्यकारिणी कमेटी में शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक येदियुरप्पा की यात्रा को इस संदर्भ से भी जोड़कर देखा जा रहा है कि दो जुलाई से कर्नाटक विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है और इस दौरान पार्टी कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती है.
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बजट को लेकर मतभेद
कांग्रेस और जेडीएस के बीच बजट को लेकर मतभेद गहरे होते जा रहे हैं. दरअसल चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था. लिहाजा पार्टी के फिर से सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसी को आगे बढ़ाने के पक्ष में है. इसके विपरीत जेडीएस नेता कुमारस्वामी पांच जुलाई को नया बजट पेश करने पर अड़े हैं. दरअसल कुमारस्वामी ने चुनावों में ऐलान किया था कि यदि वह सत्ता में आएंगे तो किसानों का कर्ज माफ करेंगे. लिहाजा अब वह इस मांग को पूरा करना चाहते हैं. इस मसले पर उनके कांग्रेस से मतभेद हैं. संभवतया इसीलिए उनके तेवर भी कांग्रेस को लेकर बदले दिख रहे हैं.
पहले कांग्रेस की कृपा से मुख्यमंत्री बनने की बात कहने वाले कुमारस्वामी ने सोमवार को कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि वह कांग्रेस समेत किसी की दया पर निर्भर नहीं हैं. कुमारस्वामी ने कहा, ''आपने (कांग्रेस) कुर्सी मुझे खैरात में नहीं दी है. आपको यह बात अच्छी तरह पता होनी चाहिए. मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि मैं कितने दिन इस कुर्सी पर रहूंगा.''