अक्सर चुनावों में राजनीतिक पार्टियां गलियों में और चुनावी रैलियों में चुनाव लड़ती हैं, वहीं भारत में कर्नाटक चुनावों में वॉट्स एप ग्रुप्स पर चुनावी कैंपेन चल रहे हैं.
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नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया का हमारी जिंदगी में दखल काफी बढ़ा है और लगातार इस प्लेटफॉर्म ने अपना कद हर दिना बढ़ाया है. ऐसे में भारतीय चुनावों में सोशल मीडिया और खासतौर पर वॉट्स एप, फेसबुक जैसी साइट्स का इस्तेमाल काफी बढ़ा है. कर्नाटक विधानसभा चुनावों की बात करें तो इन चुनावों में वॉट्स एप का जबरदस्त इस्तेमाल किया गया है. अक्सर रैलियों और प्रचार सभाओं के दौरान होते वाक-युद्धों पर ही मीडिया का ध्यान जाता है, कर्नाटक के चुनावी युद्ध में नया योद्धा बने 'What's App Groups'.
हमारे सहयोगी अखबार डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के चुनावी महासमर में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के हजारों वाट्स एप ग्रुप बनाए गए. इन वॉट्स एप ग्रुप के माध्यम से इन पार्टियों ने अपने संदेश लोगों तक सीधे पहुंचाने के लिए वाट्स ग्रुप्स का हथियार की तरह इस्तेमाल किया है. जानकारी के अनुसार कर्नाटक में अकेले बीजेपी के 5000 से ज्यादा वॉट्स एप ग्रुप एक्टिव थे और ऐसा ही कुछ कांग्रेस ने भी करने की कोशिश की.
'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर के अनुसार जहां अक्सर चुनावों में राजनीतिक पार्टियां गलियों में और चुनावी रैलियों में चुनाव लड़ती हैं, वहीं भारत में कर्नाटक चुनावों में वॉट्स एप ग्रुप्स पर चुनावी कैंपेन चल रहे हैं. इन संदेशो में वर्तमान सरकार की आलोचना, मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं पर हमले की खबरें, कांग्रेस लीडरों पर चुटकुले जैसी चीजें भेजी जा रही हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत और दुनिया के विकासशील देशों में होते हर चुनाव में लगभग फेसबुक, वॉट्स एप जैसे सोशल मीडिया टूल मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. अकेले कनार्टक इलेक्शन में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लगभग 50,000 वॉट्स एप ग्रुप्स हैं, जो लोगों तक संदेश फैला रहे हैं.
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों में से 222 सीटों के लिए 12 मई को हुई वोटिंग के नतीजे आना शुरू हो गए है. शुरुआती रुझानों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. लेकिन जैसे-जैसे नतीजे आने लगे बीजेपी ने कांग्रेस को पछाड़कर 100 सीटों का आकंड़ा छू लिया.