कांग्रेस प्रवक्ता वीएस उगराप्पा ने मांग की कि विजयेंद्र और पुत्तुस्वामी कथित संलिप्तता को लेकर अपनी आवाज का फारेंसिक परीक्षण कराएं.
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बेंगलुरु : ऑडियो टेप मामले में कर्नाटक की राजनीति में फिर से पेंच फंसता नजर आ रहा है. इस मामले में कांग्रेस आपस में ही उलझ गई है. कांग्रेस का एक विधायक टेप को असली कहते हुए फोरेंसिक जांच की बात कही है, वहीं एक विधायक ने टेप को फर्जी बताया है. कांग्रेस विधायक शिवराम हेब्बार ने उस ऑडियो को फर्जी करार दिया जिसमें कथित तौर पर बीजेपी नेता विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान क्रॉस वोटिंग के लिए उन्हें धन और मंत्री पद की पेशकश करते सुनाई देते हैं. शक्ति परीक्षण को लेकर कांग्रेस ने तीन ऑडियो जारी किए थे और दावा किया था कि पार्टी विधायकों को बीजेपी नेताओं ने खरीदने की कोशिश की जिससे कि बीएस येदियुरप्पा सरकार बचाई जा सके.
कांग्रेस द्वारा जारी किए गए इन तीन ऑडियो टेप में से एक में कथित तौर पर हेब्बार की पत्नी और और बीजेपी नेताओं के बीच संवाद होने की बात कही गई थी जिसमें बीजेपी के पक्ष में मतदान करने के बदले कथित तौर पर धन और मंत्री पद देने की पेशकश की गई.
सवालों के घेरे में आए ऑडियो टेप में बीएस येदियुरप्पा के पुत्र बीवाई विजयेंद्र और उनके करीबी मित्र बीजे पुत्तुस्वामी कथित तौर पर हेब्बार की पत्नी से बात करते और बीजेपी के पक्ष में मतदान पर उनके पति को धन तथा मंत्री पद देने की पेशकश करते सुनाई देते हैं.
Audio clips are genuine, we challenge it be sent to forensic lab: VS Ugrappa, Congress on bribery tapes released by Congress pic.twitter.com/Kv8ljYmWTn
— ANI (@ANI) 21 मई 2018
हेब्बार ने हालांकि कन्नड़ भाषा में किए गए अपने फेसबुक पोस्ट में ऑडियो की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया और कहा कि उनकी पत्नी के पास इस तरह का कोई फोन नहीं आया. उन्होंने कहा, ‘यह मेरी पत्नी की आवाज नहीं है और उन्हें इस तरह का कोई फोन नहीं आया. ऑडियो टेप फर्जी है. मैं इसकी निन्दा करता हूं.’
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हेब्बार पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वीएस उगराप्पा ने मांग की कि विजयेंद्र और पुत्तुस्वामी कथित संलिप्तता को लेकर अपनी आवाज का फारेंसिक परीक्षण कराएं. उन्होंने कहा, ‘मीडिया को जारी आडियो क्लिप असली है, फर्जी नहीं. हां, हमारे विधायक सही हैं जब वह कहते हैं कि यह उनकी पत्नी की आवाज नहीं हैं लेकिन विजयेंद्र और पुत्तुस्वामी की आवाज असली हैं.’ उन्होंने कहा कि अगर इन नेताओं में दम है तो वे अपनी आवाज का फारेंसिक परीक्षण कराएं.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन वह बहुमत से आठ सीट दूर रही थी. राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था जिन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. शक्ति परीक्षण से पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भाजपा उसके विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश कर रही है और उसने अपने आरोपों के समर्थन में तीन ऑडियो टेप जारी किए थे.
विजयेंद्र और पुत्तुस्वामी कथित तौर पर बीजेपी के पक्ष में मतदान के बदले मंत्री पद के बिना 15 करोड़ रुपये या कैबिनेट मंत्री पद के साथ पांच करोड़ रुपये देने की पेशकश करते भी सुनाई देते हैं. वे कथित तौर पर यह कहते भी सुनाई देते हैं कि खनन घोटाले में मुकदमे का सामना कर रहे उनके बेटे और पत्नी के खिलाफ मामलों को वापस ले लिया जाएगा. येदियुरप्पा ने 19 मई को शक्ति परीक्षण से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.