कर्नाटक: ये है कांग्रेस+जेडीएस की नई सरकार गठन का फॉर्मूला, जी परमेश्वर हो सकते हैं डिप्टी सीएम
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कर्नाटक: ये है कांग्रेस+जेडीएस की नई सरकार गठन का फॉर्मूला, जी परमेश्वर हो सकते हैं डिप्टी सीएम

सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों की ओर से मिलकर तैयार किए गए फॉर्मूले के तहत नई सरकार में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सहित जेडीएस के 20 मंत्री और कांग्रेस कोटे से 13 मंत्री होंगे.

एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई में कर्नाटक में नई सरकार का गठन होगा.

बेंगलुरु: कर्नाटक में बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा की सरकार के इस्तीफे के साथ ही कांग्रेस+जेडीएस के गठबंधन की सरकार का रास्ता साफ हो गया है. जेडीएस+कांग्रेस ने मिलकर सरकार की रूपरेखा तैयार कर ली है. सूत्रों के मुताबिक जेडीएस और उसके सहयोगी दलों के 37 विधायकों में से 20 को नई सरकार में मंत्री पद दिया जाएगा. वहीं 78 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को महज 13 मंत्री पद से संतोष करना होगा. सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों की ओर से मिलकर तैयार किए गए फॉर्मूले के तहत नई सरकार में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सहित जेडीएस के 20 मंत्री और कांग्रेस कोटे से 13 मंत्री होंगे.

  1. कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस ने मिलकर तैयार किया सरकार बनाने का फॉर्मूला
  2. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सहित जेडीएस कोटे से हो सकते हैं 20 मंत्री
  3. कांग्रेस कोटे से 13 मंत्री बन सकते हैं, सोनिया गांधी से मिल सकते हैं कुमारस्वामी

जी परमेश्वर हो सकते हैं डिप्टी सीएम, डीके शिवकुमार पर सस्पेंस बरकार
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जी परमेश्वर को नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद मिल सकता है. जी परमेश्वर पिछली सिद्धारमैया सरकार में गृहमंत्री के पद पर थे. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस राजनीतिक लड़ाई में जीत दिलाने में अहम रोल निभाने वाले डीके शिवकुमार को ईनाम के रूप में क्या दिया जाएगा. कांग्रेस और जेडीएस विधायकों को एकजुट रखने से लेकर उन्हें बीजेपी खेमे से दूर रखने में डीके शिवकुमार ने अहम रोल निभाया. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि नई सरकार में उन्हें कोई बड़ा ओहदा मिला सकता है. सूत्रों का कहना है कि सोमवार को एचडी कुमारस्वामी दिल्ली में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं

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एचडी कुमारस्वामी 23 मई को लेंगे शपथ
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने विश्वास मत का सामना किये बगैर ही इस्तीफा देने की घोषणा कर दी और इस तरह कर्नाटक में तीन दिन पुरानी येदियुरप्पा सरकार गिर गई. इसके बाद जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एचडी कुमारस्वामी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया. वह 23 मई को शपथ लेंगे. 

इससे पहले चेहरे पर हार के भाव के साथ येदियुरप्पा ने एक संक्षिप्त भावनात्मक भाषण के बाद विधानसभा के पटल पर अपने निर्णय की घोषणा की. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया था कि येदियुरप्पा सरकार शनिवार शाम चार बजे राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करें. हालांकि राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को अपना बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था.

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उन्होंने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने जा रहा हूं. मैं राजभवन जाऊंगा और अपना इस्तीफा सौंप दूंगा.’ अपने भावनात्मक भाषण के बाद उन्होंने विधानसभा में कहा, ‘मैं विश्वास मत का सामना नहीं करूंगा. मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं.’ येदियुरप्पा ने कहा कि वह अब ‘लोगों के पास जायेंगे.’

इसके बाद वह सीधे राजभवन गए और राज्यपाल वजुभाई वाला को अपना इस्तीफा सौंपा. 

राजीव गांधी की पुण्यतिथि के चलते कुमारस्वामी ने बदली शपथ की तारीख
येदियुरप्पा के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद जदएस-कांग्रेस-बसपा गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एच डी कुमारस्वामी ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की और उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 21 मई को शपथ ग्रहण करेगी.

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इसके बाद उन्होंने कहा कि नयी सरकार अब 21 मई की बजाय 23 मई को शपथ लेगी. उन्होंने तारीख में परिवर्तन का कारण नहीं बताया. 

जदएस के एक नेता ने कहा कि 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि होती है इसलिए शपथ ग्रहण की तारीख में परिवर्तन किया गया है. 

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जेडीएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के 58 वर्षीय बेटे ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया है लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘हमें 15 दिनों की जरूरत नहीं है.’’ कांग्रेस- जद(एस) गठबंधन ने 224 सदस्यीय विधानसभा में 117 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. दो सीटों पर विभिन्न कारणों से मतदान नहीं हुआ था जबकि कुमारस्वामी दो सीटों से चुनाव जीत थे.

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गत 15 मई को घोषित चुनाव परिणामों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई थी. भाजपा हालांकि 104 सीटें प्राप्त करके सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन वह बहुमत से कुछ दूर रह गई थी.

कांग्रेस 78 सीटों पर जीत दर्ज करके दूसरे स्थान पर रही थी जबकि जदएस को 37 सीटों पर जीत मिली थी. इसके बाद कांग्रेस और जदएस ने गठबंधन कर लिया.

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