कर्नाटक में सरकार बनने से पहले कांग्रेस की मुश्किल बढ़ी, लिंगायत चेहरे को डिप्टी सीएम बनाने की मांग
कांग्रेस और जेडीएस सरकार की राह कर्नाटक में लगता है आसान नहीं रहने वाली. लिंगायत समुदाय की ओर से अब सरकार में अपनी हिस्सेदारी की मांग उठना इसी ओर इशारा करता है.
नई दिल्ली : कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं. लेकिन सरकार बनाने से पहले उन्हें कई मुद्दों को सुलझाना होगा. कांग्रेस के नेता गठबंधन में अब बराबरी से ज्यादा का हक चाहते हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने जा रहे एचडी कुमारस्वामी सोमवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे. लेकिन इससे पहले ही कर्नाटक में एक बार फिर से लिंगायत समुदाय की ओर से बड़ी मांग आई है.
लिंगायत समुदाय के संगठन अखिल भारत वीरशैव महासभा के नेता एन. तिप्पाना ने खत लिखकर कांग्रेस विधायक शमनूर शिवशंकरप्पा को डिप्टी सीएम बनाए जाने की मांग की है. इंडिया टुडे के अनुसार, तिप्पाना ने कहा कि बीजेपी में जाने का भी उन्हें ऑफर मिला था, लेकिन वो कांग्रेस पार्टी छोड़कर नहीं गए. ऐसे में पार्टी उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाए.
इससे पहले कांग्रेस ने दलित कार्ड खेलते हुए जी परमेश्वर को उप मुख्यमंत्री पद का दावेदार बना दिया. ऐसे में लिंगायत समुदाय की ये मांग इस गठबंधन के लिए परेशानी खड़ी करने वाली होगी. इस बार कांग्रेस ने चुनाव से पहले लिंगायत को अलग धर्म बनाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन चुनाव में उसका फायदा उसे नहीं मिला. हालांकि इस चुनाव में 18 कांग्रेस के लिंगायत विधायक जीतकर आए हैं.
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शमनूर शिवशंकरप्पा कर्नाटक की दावणगेरे सीट से विजयी हुए हैं. उन्होंने भाजपा के यशवंतराव जाधव को हराया है. अखिल भारत वीरशैव महासभा के वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. उन्होंने सिद्दारमैया के उस प्रस्ताव का विरोध किया था, जिसके अनुसार लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा दिया जाना था. हालांकि बाद में उन्होंने अपने मतभेदों को भुलाकर कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.
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87 साल के शिवशंकरप्पा पर भाजपा के साथ जाने का ऑफर भी था, लेकिन उन्होंने कांग्रेस के साथ रहना ही उचित समझा. अब वह पार्टी से अपनी इस वफादारी का इनाम चाहते हैं. कर्नाटक में कांग्रेस ने 78 सीटें जीती हैं. इसमें से 18 लिंगायत विधायक हैं. 78 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को गठबंधन में 20 केबिनेट पोस्ट मिल सकती हैं. वहीं 37 सीटें जीतने वाली जेडीएस को 13 पोस्ट मिलेंगी. इसमें सीएम पद भी शामिल है.