कर्नाटक में सरकार बनाने में फंस सकता है पेंच, मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया बड़ा बयान
कर्नाटक में सत्ता के लिए संघर्ष में अभी कुछ और पन्ने खुलने बाकी है. कांग्रेस और जेडीएस के बीच जब तक सरकार की शक्ल को लेकर समझौता नहीं हो जाता तब तक अभी वहां और टर्न और ट्विवस्ट देखने को मिल सकते हैं.
नई दिल्ली : लगता है कर्नाटक में चार दिन तक चले सियासी ड्रामे के बाद भी अभी काफी कुछ होना बाकी है. येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद लग रहा था, कांग्रेस और जेडीएस आसानी से सरकार बना लेंगे. लेकिन ऐसा होता लग नहीं रहा है. सरकार बनाने में अभी पेंच फंसा हुआ है. सरकार का स्वरूप कैसा होगा, इस पर अभी काफी प्रश्न बाकी हैं. सरकार में किसकी कैसी हिस्सेदारी होगी, इस पर अभी कुछ भी साफ नहीं है. सिर्फ इसके कि मुख्यमंत्री जेडीएस के कुमारस्वामी होंगे.
कर्नाटक में सत्ता के बंटवारे में अभी कुछ और पन्ने खुलने बाकी है. कांग्रेस और जेडीएस के बीच जब तक सरकार की शक्ल को लेकर समझौता नहीं हो जाता तब तक अभी वहां और टर्न और ट्विवस्ट देखने को मिल सकते हैं. इसी बीच कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा है कि सरकार बनाने पर फैसला हमारा हाइकमान करेगा. हम एक राष्ट्रीय पार्टी हैं. जेडीएस को हमने समर्थन दिया है, जो एक क्षेत्रीय पार्टी है. सभी मूल्यों को ध्यान में रखते हुए हमें ये ध्यान रखना होगा कि हमें उसी तरह का सत्ता में हिस्सा मिले.
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इससे पहले सूत्रों के मुताबिक कहा गया, जेडीएस और उसके सहयोगी दलों के 37 विधायकों में से 20 को नई सरकार में मंत्री पद दिया जाएगा. वहीं 78 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को महज 13 मंत्री पद से संतोष करना होगा.
इससे पहले जेडीएस के कुमारस्वामी ने कहा था कि वह शपथ लेने के 24 घंटे के अंदर अपना बहुमत साबित कर देंगे. कुमारस्वामी सोमवार को कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने दिल्ली आ रहे हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि वह यहां इस दौरान सरकार की शक्ल कैसी होगी, इस बात पर चर्चा करेंगे.
ताजा हालात पर कुमारस्वामी ने एक बार फिर से कहा, मैं कल दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात करूंगा. यहीं केबिनेट विस्तार पर उनके साथ चर्चा होगी. ये सरकार अगले पांच साल तक चले, इसके लिए मैं उनके साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करूंगा.
कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के पास 104 विधायक हैं. वहीं कांग्रेस के पास 78 और जेडीएस के पास 38 विधायक हैं. चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाने का दावा किया है.