नई दिल्ली: भीषण सूखे का सामना कर रहे कर्नाटक को राहत पैकेज की मंजूरी के लिये केंद्र में नई सरकार के गठन का इंतजार करना होगा. सूत्रों ने यह जानकारी दी. केंद्र सरकार का एक दल सूखे के कारण रबी की फसल को हुये नुकसान का आकलन कर चुका है और केंद्रीय कृषि मंत्रालय को इसकी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को सौंपे एक ज्ञापन में उससे 2,064 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता की मांग की थी ताकि सूखे का सामना कर रहे किसानों को मदद दी जा सके.
चुनाव के चलते पैकेज देने में हो रही देरी
सूत्रों के अनुसार, ‘एक केंद्रीय दल रिपोर्ट दे चुका है और गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय समिति को इस पर निर्णय करना है.’ सूत्र ने कहा हालांकि आदर्श आचार संहिता केंद्र सरकार को उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करने से नहीं रोकती लेकिन ऐसा लगता है कि बैठक नयी सरकार के गठन के बाद ही होगी.
कर्नाटक में 156 तालुका में सूखा
कर्नाटक 30 जिलों के 156 तालुकों को सूखाग्रस्त घोषित कर चुका है और इसमें से 107 तालुके गहरे सूखे के संकट का सामना कर रहे हैं, जबकि 49 तालुकों में मध्यम स्तर का सूखा पड़ा है. राज्य 2018-19 के फसल वर्ष के खरीफ सत्र (जुलाई-जून) में सूखे का संकट झेल चुका है.