Air Pollution Remedies: हवाओं का बहाव कम होने से दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर एयर पॉल्युशन (Air Pollution) बढ़ने लगा है. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, और गुरुग्राम में हालात ज्यादा खतरनाक हो गए हैं.
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Air Pollution Remedies: हवाओं का बहाव कम होने और आसपास के इलाकों में पराली जलने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर एयर पॉल्युशन (Air Pollution) बढ़ने लगा है. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, और गुरुग्राम समेत आसपास के इलाकों में शुक्रवार सुबह का एयर क्वालिटी इंडेक्स 999 रिकॉर्ड किया गया है. जिसे सबसे ज्यादा खराब स्तर माना जाता है.
हवा में बढ़ता प्रदूषण आपको दमे का रोगी बना सकता है. जो लोग पहले से अस्थमा के पेशंट्स हैं, उनका दम घोंटकर जान भी ले सकता है. एयर पॉल्युशन (Air Pollution) की वजह से आंखों में चिरमिराहट, गले में खराश और पेट में गड़बड़ी जैसी दिक्कत भी हो जाती हैं. रिकॉर्ड के मुताबिक देश में हर साल हजारों लोग प्रदूषण की वजह से जान गंवा देते हैं.
वायु प्रदूषण (Air Pollution) वैसे तो सभी लोगों के लिए बहुत हानिकारक होता है लेकिन कमजोर इम्युनिटी की वजह से यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा बन जाता है. आपके परिवार पर यह प्रदूषण अटैक न कर सके, इसके लिए आपको आज से ही तुरंत एहतियाती उपाय करने की जरूरत है.
आज हम आपको वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 'राजस्थान' (Rajasthan) का वह हिट फॉर्म्युला (Air Pollution Remedies) बताने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर इस रेगिस्तानी प्रदेश के लोग सैकड़ों सालों से पॉल्युशन को चित्त करते आ रहे हैं. इस फॉर्म्युले पर अमल कर आप भी अपने परिजनों को 'बे-दम' होने से बचा सकते हैं.
राजस्थान में धूल-मिट्टी सालभर उड़ती रहती है. यह धूल न चाहते हुए भी आपके शरीर खासकर फेफड़े में पहुंचती है. अगर यह धूल फेफड़ों में जमी रह जाए तो आप अस्थमा के अटैक से मर सकते हैं. इससे बचने के लिए राजस्थान के लोग सैकड़ो वर्षों से बाटी चूरमा का भोजन करते आ रहे हैं. इस भोजन (Rajasthani Food) में वे तेज मिर्ची का इस्तेमाल करते हैं. इस मिर्ची को पचाने के लिए खाने की कटोरियों में 3-4 चम्मच देशी जरूर डाला जाता है.
राजस्थान (Rajasthan) में भोजन के बाद गुड़ जरूर खाया जाता है. वह गुड़ भोजन को सही तरीके से पचाने का काम करता है. इन तीनों काम को करने से फेफड़ों में पहुंची धूल नित्य क्रिया के जरिए बाहर निकलती रहती है और आप पर एयर पॉल्युशन (Air Pollution) का कोई असर नहीं होता.
- आप प्रदूषण से बचने (Air Pollution Remedies) के लिए नियमित रूप से मास्क का भी इस्तेमाल करते रहें. यह मास्क धूल-मिट्टी के महीन कणों को शरीर में घुसने से रोकने के अलावा आपको कोरोना वायरस से भी बचाता है.
- धूल-मिट्टी को उड़ने से रोकने के लिए अपने घरों के आसपास पानी की छिड़काव करें. संभव हो तो वहां घास लगवा दें, जिससे धूल न उड़ सके.
- अपने घर में धूल-मिट्टी घुसने से रोकने के लिए उसमें शीशे या परदे लगाएं. इसके साथ ही घर की खिड़कियों को बंद करके रखें.
- सुबह के वक्त हवा का दबाव बहुत कम होता है, जिसके चलते धूल का गुब्बार निचले स्तर पर हवा में घुला रहता है. इसलिए संभव हो तो सर्दियों में सुबह वॉक करने से परहेज करें.
- स्ट्रीट फूड और जंक फूड को पूरी तरह नजरअंदाज करें. ज्यादा मन करे तो उन चीजों को घर में बनाकर खा लें.
- दमा के रोगी अपने पास इन्हेलर का इंतजाम जरूर करके रखें और लगातार अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें.
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हवा में धूल के दो तरह के कण होते हैं. खुली आंखों से न दिखाई देने वाले बारीक कण और शरीर पर जम जाने वाले भारी कण. बारीक कणों को एयर क्वालिटी इंडेक्स में PM2.5 कहा जाता है. जबकि भारी कणों को PM10 कहा जाता है. मानव शरीर के लिए वैसे तो दोनों ही कण हानिकारक हैं लेकिन PM2.5 को ज्यादा नुकसानदायक माना जाता है.
हवा के अच्छा बहाव की वजह से ये बारीक कण सालभर जमीन से काफी ऊपर बने रहते हैं. जिससे ज्यादा दिक्कत नहीं होती. लेकिन सर्दियों में हवाओं की स्पीड कम हो जाने पर यह जमीन से मात्र 1-2 मीटर की ऊंचाई पर जमने लगते हैं, जिससे एयर पॉल्युशन (Air Pollution) की समस्या बढ़ जाती है.
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