टेराकोटा से बनी चीजों को घर के बाहर नहीं भीतर रखें, ये होंगे फायदे
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टेराकोटा से बनी चीजों को घर के बाहर नहीं भीतर रखें, ये होंगे फायदे

इन दिनों गिफ्ट में गमले और पौधे देने का रिवाज बढ़ गया है. ये सब आपने कहां रखा है? घर के बाहर? या किसी कोने में?

टेराकोटा से बनी चीजों को घर के बाहर नहीं भीतर रखें, ये होंगे फायदे

नई दिल्ली: इन दिनों गिफ्ट में गमले और पौधे देने का रिवाज बढ़ गया है. रिटर्न गिफ्ट में तो अक्सर टेराकोटा का सजावटी आइटम या गमला मिलने लगा है. ये सब आपने कहां रखा है? घर के बाहर? या किसी कोने में? अगर बाहर रखा है, तो आप टेराकोटा से बने आइटम, पौधों से सजे गमले जैसी चीजों को घर के भीतर ले आएं. इन्हें घर में रखने के कई फायदे हैं-

-टेराकोटा यानी पके हुए क्ले से बने आइटम. मुलायम मिट्टी से टेराकोटा की कोई चीज बनाना एक कला है. इसके अलावा मिट्टी से बनी दूसरी चीजें भी फेंग शुई के मुताबिक, बहुत शुभ मानी जाती हैं.

-अगर आपके पास लाल मिट्टी के जानवर जैसे घोड़े, हाथी या कुछ और है तो इन्हें आप घर के एंट्रेस पर रख सकते हैं. साथ ही इन्हें ग्रीन लुक देने के लिए टेराकोटा गमलों में मनी प्लांट या जेड के     पौधे लगाएं.

-टेराकोटा की चीजें आपके घर की ऊर्जा को बढ़ाती हैं. ड्रॉइंग रूम में शो केस का एक शेल्फ टेराकोटा के नाम करें. फेंग शुई एक्टसपर्ट ज्योति अरोड़ा के अनुसार, मिट्टी सादगी और ऊर्जा का   प्रतीक है. इस वक्त जब चारों तरफ अनिश्चितता का माहौल है, नकारात्मकता है, ऐसे में टेराकोटा आपके घर के अंदर नई ऊर्जा ला सकता है.

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-टेराकोटा से बने गमले, खिलौने दिखने में भी खूबसूरत लगते हैं, घर का एस्थेटिक बढ़ाते हैं. वहीं देसी लुक के लिए भी टेराकोटा से बढ़िया सजावटी आइटम और कुछ नहीं है.

- बालकनी में टेराकोटा में रखे पौधे खूबसूरत तो दिखते ही हैं. सुबह शाम पौधों के साथ-साथ गमले पर भी पानी छिड़किए. माटी की सोंधी गंध से बैक्टीरिया से भी मुक्ति मिलेगी.

- कॉसमॉस एनर्जी के लिए घर में मिट्टी से बनी बुद्ध की आकृति रखने का चलन है. प्रार्थना या ध्यान करने के लिए अक्सर लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. ज्योति कहती हैं, ‘मिट्टी के खाना पकाने के        बर्तन सौ फीसदी आर्गेनिक होते हैं. अगर खुद को अंदर-बाहर से डिटॉक्सीफाई करना चाहते हैं, तो मिट्टी के बर्तन में स्लो कुकिंग करें.

-टेराकोटा के विंड चाइम्स की ध्वनि बहुत ही मधुर होती है. इन्हें आप घर में डाइनिंग टेबल के ऊपर या बालकनी में लगा सकते हैं. 

- टेराकोटा का प्रयोग मोहनजोदाड़ो और हड़प्पा काल में होता था. उस समय के कई बर्तन आज भी विभिन्न संग्रहालयों में मौजूद हैं. आर्कियोलॉजिस्ट डॉ पवन सिंह कहते हैं, ‘टेराकोटा के बर्तन कभी    खराब नहीं होते. यह अच्छी बात है कि हम आज फिर से टेराकोटा के महत्व को जान रहे हैं.’ 

- मिट्टी के घड़े और सुराही का पानी सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है. यह शरीर को ठंडा रखने के साथ-साथ कई तरह के बैक्टीरिया को भी खत्म करता है.

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