बाजार में नहीं मिलेगा ये चूर्ण, खाने के बाद होंगे खूब फायदे, घर पर ऐसे करें तैयार
दादी मां के नुस्खे हमेशा से ही फायदेमंद होते हैं. लेकिन हर किसी के पास ये खास नुस्खे नहीं होते. आज हम आपको ऐसे नुस्खे के बारे में बताने जा रहे जिसके बारे में आपने शायद ही पहले सुना हो.
नई दिल्ली : आज हम आपको बताने जा रहे हैं लाल चूर्ण के बारे में. ये हर्बल आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बना है जो अपच की समस्या के लिए फायदेमंद हो सकता है. हालांकि ये शायद आपको बाजार में आसानी से ना मिले, लेकिन इसे घर पर बनाया जा सकता है. चलिए जानें इसे कैसे बनाएं और क्या हैं इसके फायदे.
लाल चूर्ण के फायदे
लाल चूर्ण कई समस्याओं को ठीक करने में बहुत लाभदायक हो सकता है. ये आयुर्वेदिक चूर्ण गैस्ट्रिक, अपच, हिचकी, मतली, कब्ज, पेट में दर्द, बर्पिंग, एसिडिटी, उल्टी, दस्त, ब्लोटिंग, पेट में इंफेक्शन और इर्रिटेबल बाउल मूवमेंट इत्यादि को ठीक करने में लाभदायक हो सकता है. ये चूर्ण पाउडर के रूप में ही बनता है. चलिए जानें इसे घर में बनाने के तरीके के बारे में.
लाल चूर्ण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री
लाल चूर्ण कई चीजों के मिश्रण से बनता है. इसमें नौसादर ठिकरी, पीपल (मगन), गंधक अमलासर शुद्ध, टाटरी, गेरू (हरमाची), काला नमक, सांभर नमक, मीठा सोडा, पुदीना सत अजवायन सत, मौली खार जैसी चीजें डलती हैं.
कितनी मात्रा में डाले सभी चीजें
नौसादर ठिकरी 20 ग्राम
पीपल (मगन) 10 ग्राम
गंधक आमलासार शुद्ध 10 ग्राम
टाटरी 10 ग्राम
गेरू (हरमाची) 10 ग्राम
काला नमक 10 ग्राम
सांभर नमक 10 ग्राम
मीठा सोडा 10 ग्राम
पुदीना सत 1-1/2 ग्राम
अजवायन सत 1-1/2 ग्राम
मौली खार 05 ग्राम
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लाल चूर्ण को बनाने का तरीका
पुदीना सत और अजवायन सत को कांच के जार में पिघलाने के लिए रखें. बाकी अन्य सभी चीजों को मिक्सी में अच्छी तरह पीसकर छलनी से छान लें. इसके बाद सभी चीजों को पुदीना सत और अजवायन सत के साथ मिला लें. आपका चूर्ण तैयार है, इसे एयर टाइट जार में रखें.
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खुराक
अपच, हिचकी, मतली, कब्ज, पेट में दर्द, बर्पिंग, एसिडिटी, उल्टी, दस्त, ब्लोटिंग, पेट में इंफेक्शन से राहत पाने के लिए ½ से 1 टेबलस्पून चूर्ण हल्के गर्म पानी के साथ ले सकते हैं.
आप लाल चूर्ण को नाॅर्मल पानी के साथ भी ले सकते हैं.
यात्रा के दौरान या कार में बैठने के दौरान आपको मतली, उल्टी या गैस बनती है तो उस समय के लिए भी ये लाल चूर्ण फायदेमंद हो सकता है.
आप लाल चूर्ण को दिनभर में एक से दो बार ले सकते हैं.
ध्यान रखें, इस लाल चूर्ण को बनाने के लिए दी हुई निश्चित मात्रा डालकर ही चूर्ण बनाएं. यदि चूर्ण की मात्रा कम या ज्यादा होती है तो ये नुकसान दे सकता है. यदि आप अल्सर जैसी किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो इस चूर्ण का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)