Health Tips: फिर याद कीजिए दादी-नानी का जमाना, Sukhasana Benefits जानकर जमीन पर बैठ खाइए खाना
दादी-नानी के जमाने में हर चीज के लिए अनुशासन तय होता था. उस समय खाना भी हमेशा जमीन पर बैठकर खाया जाता था. जमीन पर सुखासन मुद्रा में खाना खाने से सेहत को कई तरह के लाभ (Sukhasana Benefits) मिलते हैं. अच्छी सेहत (Health Tips) के लिए जरूर आजमाएं दादी मां के नुस्खे (Dadi Maa Ke Nuskhe).
नई दिल्ली: Health Tips: ज्यादातर घरों में आज भी दादी-नानी के नुस्खे (Dadi Maa Ke Nuskhe) खूब इस्तेमाल किए जाते हैं. खाने-पीने (Diet) से लेकर बीमारियों तक में दादी मां के नुस्खे (Dadi Maa Ke Nuskhe) इस्तेमाल करने से काफी फायदा मिलता है. सदियों से चले आ रहे ये नुस्खे (Gharelu Nuskhe) बेहद कारगर माने जाते हैं. पहले के जमाने में लोग जमीन पर बैठकर खाना खाते थे. इससे गजब के फायदे मिलते हैं.
आयुर्वेदिक तरीके से दुरुस्त रखें सेहत
डाइनिंग टेबल (Dining Table) मॉडर्न कल्चर का अहम हिस्सा बन चुकी है. अब लगभग हर घर और हॉस्टल में सभी डाइनिंग टेबल पर बैठकर ही खाना खाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फर्श यानी जमीन पर बैठकर खाना खाने से सेहत (Health) को कई तरह के लाभ (Benefits Of Eating Food On Floor) मिलते हैं. जमीन पर बैठकर भोजन करना एक आयुर्वेदिक (Ayurvedic) तरीका है. इससे पाचन तंत्र (Digestion) को दुरुस्त रखा जा सकता है.
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सुखासन में बैठकर खाएं खाना
दिनभर का कोई भी भोजन हो, उसे हमेशा जमीन पर सुखासन (Sukhasana Benefits) मुद्रा में बैठकर ही ग्रहण किया जाना चाहिए. सुखासन का शाब्दिक अर्थ सुख से बैठना है. 'सुखासन' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है. पहला शब्द है- सुख, जिसका अर्थ 'आराम' या 'आनंद' होता है, जबकि आसन का अर्थ बैठना होता है. सुखासन को ईजी पोज/ डीसेंट पोज या प्लीजेंट पोज (Easy Pose/Decent Pose/Pleasant Pose) भी कहा जाता है. खाना हमेशा सुखासन पोज में यानी पालथी मारकर बैठते हुए खाना चाहिए.
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फर्श पर खाना खाने के फायदे
दादी-नानी की पोटली में ऐसे कई रहस्य छिपे थे, जिन्हें आजमाकर आज भी अपनी सेहत को दुरुस्त रखा जा सकता है. जानिए जमीन पर बैठकर भोजन करने के फायदे.
1. जमीन पर बैठकर खाना खाते समय आप सिर्फ खाना ही नहीं खा रहे होते हैं, बल्कि इस तरह खाना खाते समय आप सुखासन की मुद्रा में बैठे होते हैं. यह मुद्रा व्यक्ति का मन शांत बनाए रखने के साथ ही रीढ़ की हड्डी को भी आराम पहुंचाती है.
2. जमीन पर बैठकर खाना खाते समय व्यक्ति पाचन की अवस्था में होता है. इसकी वजह से पाचन रस शरीर में बेहतर तरीके से अपना काम कर पाता है.
3. जमीन पर बैठकर खाना खाते समय व्यक्ति पैरों को क्रॉस करके बैठता है. इससे ब्रेन को सिग्नल पहुंचता है कि शरीर भोजन के लिए तैयार है. इस आसन में बैठकर भोजन करने पर वह जल्दी पच जाता है.
4. जमीन पर बैठकर भोजन करने से पेट की मांसपेशियां गतिशील बनती हैं, जिससे भोजन को पचाने में सहायता मिलती है.
5. इस मुद्रा में बैठकर खाने से पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों, पेल्विस और पेट के आस-पास की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है. इससे असहजता और दर्द की शिकायत में आराम मिलता है.
6. जमीन पर बैठकर खाना खाने से वजन को संतुलित रखने में मदद मिलती है.
7. पुरानी मान्यता है कि जब परिवार के सभी सदस्य साथ मिलकर जमीन पर बैठकर खाना खाते हैं तो उनके संबंध भी मजबूत बनते हैं.
8. जमीन पर बैठकर खाना खाने से बॉडी पोश्चर बेहतर होता है और पर्सनालिटी में भी निखार आता है.
9. जमीन पर बैठकर खाना खाने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. यह दिल की सेहत के लिए जरूरी होता है.