एक अंतरराष्ट्रीय शोध दल ने प्रोटीन के जीन में मौजूद एक भिन्नता की खोज की है. यह भारतीय समेत दक्षिण एशियाई नागरिकों में विभिन्न बीमारियों के खतरे को बढ़ाती है. यह शोध आईआईटी मद्रास के नेतृत्व वाले दल ने किया.
Trending Photos
चेन्नईः आईआईटी मद्रास के नेतृत्व वाले एक अंतरराष्ट्रीय शोध दल ने एक प्रोटीन के जीन में मौजूद उस भिन्नता की पहचान की है, जो भारतीयों और अन्य दक्षिण एशियाई नागरिकों में डायबिटीज, हार्ट अटैक व हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप की समस्या) के खतरे को बढ़ाती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह भिन्नता लगभग 15 फीसदी भारतीयों में मौजूद है.
शोधकर्ताओं का दावा है कि जिन लोगों में भिन्न जेनेटिक स्वरूप प्रोटीन मौजूद होता है, उनके डायबिटीज, हार्ट अटैक व हाइपरटेंशन का शिकार होने का खतरा डेढ़ गुना ज्यादा बढ़ जाता है. शोध दल में शामिल प्रोफेसर नितीश महापात्रा ने कहा कि दक्षिण एशियाई लोगों में हृदयरोग सहित अन्य बीमारियों का जोखिम ज्यादा होता है.
ये भी पढ़ेंःफटे होंठों से राहत देंगे ये 3 असरदार तरीके, तुरंत होगा फायदा
उनका कहना है कि इसके लिए पर्यावरणरीय कारणों के अलावा हमारी जेनेटिक संरचना भी जिम्मेदार हो सकती है. शोध में पाया गया कि ‘क्रोमोग्रेनिन’ प्रोटीन के जेनेटिक उपक्रम में मौजूद भिन्नताएं डायबिटीज, हार्ट अटैक व हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं.
ये भी पढ़ेंःक्या होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन? ज्यादातर लोग करते हैं इन लक्षणों को इग्नोर
(इनपुट-भाषा)
लाइव टीवी