Joint Pain दिल और फेफड़ों के लिए खतरनाक, इन इशारों को न करें नजरअंदाज
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Joint Pain दिल और फेफड़ों के लिए खतरनाक, इन इशारों को न करें नजरअंदाज

ज्वाइंट पेन (Joint Pain) को अक्सर बढ़ती उम्र की निशानी माना जाता है, लेकिन आजकल युवाओं में भी गठिया रोग (Arthritis), स्पॉन्डिलाइटिस (Spondylitis) और एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis)  जैसे रोगों की शिकायत पाई जाने लगी है.

Joint Pain दिल और फेफड़ों के लिए खतरनाक, इन इशारों को न करें नजरअंदाज

नई दिल्लीः क्या आपको कमर में अकड़न, पीठ और जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है, जिसके कारण आप रात में ठीक से सो नहीं पाते हैं? अगर जोड़ों के दर्द के कारण रात में तीन-चार बजे आपकी नींद खुल जाती है और आप असहज महसूस करते हैं, तो जल्द डॉक्टर से सलाह लीजिए. क्योंकि, आपको स्पॉन्डिलाइटिस की शिकायत हो सकती है. स्पॉन्डिलाइटिस से हृदय, फेफड़े और आंत समेत शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं. 

  1. खतरनाक रोग है स्पॉन्डिलाइटिस
  2. युवाओं को गठिया रोग का खतरा
  3. जेनेटिक म्युटेशन है बड़ी वजह

खतरनाक रोग है स्पॉन्डिलाइटिस

एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्पॉन्डिलाइटिस (Spondylitis) को नजरंदाज करने से गंभीर रोगों का खतरा पैदा हो सकता है. उन्होंने बताया कि इससे बड़ी आंत में सूजन यानी कोलाइटिस (Colitis) हो सकता है और आंखों में संक्रमण हो सकता है. 

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इन इशारों को न करें नजरअंदाज

स्पॉन्डिलाइटिस एक प्रकार का गठिया रोग (Arthritis) है. इसमें कमर से दर्द शुरू होता है और पीठ और गर्दन में अकड़न के अलावा शरीर के निचले हिस्से जांघ, घुटना व टखनों में दर्द होता है. रीढ़ की हड्डी में अकड़न बनी रही है. स्पॉन्डिलाइटिस में जोड़ों में इन्फ्लेमेशन यानी सूजन और प्रदाह के कारण असह्य पीड़ा होती है. 

युवाओं को स्पॉन्डिलाइटिस का खतरा

आजकल नौजवानों में स्पॉन्डिलाइटिस की शिकायत ज्यादा होने लगी है. आमतौर पर 45 से कम उम्र के पुरुषों और महिलाओं में स्पॉन्डिलाइटिस की शिकायत रहती है. एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) गठिया का एक सामान्य प्रकार है जिसमें रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और कशेरूक में गंभीर पीड़ा होती है जिससे बेचैनी महसूस होती है. इसमें कंधों, कुल्हों, पसलियों, एड़ियों और हाथों व पैरों के जोड़ों में दर्द होता है. इससे आखें, फेफड़े, और हृदय भी प्रभावित होते हैं. 

बच्चों को भी होता है गठिया रोग

बच्चों में जुवेनाइल स्पांडिलोअर्थ्राइटिस होता है जोकि 16 साल से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है और यह वयस्क होने तक तकलीफ देता है. इसमें शरीर के निचले हिस्से के जोड़ों में दर्द व सूजन की शिकायत रहती है. जांघ, कुल्हे, घुटना और टखनों में दर्द होता है. इससे रीढ़, आंखें, त्वचा और आंत को भी खतरा पैदा होता है. थकान और आलस्य का अनुभव होता है. स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित लोगों को रात में नींद नहीं आती है और जोड़ों में दर्द होने से सुबह तीन-चार बजे नींद खुल जाती है और बेचैनी महसूस होती है.

जेनेटिक म्युटेशन है बड़ी वजह

स्पॉन्डिलाइटिस मुख्य रूप से जेनेटिक म्युटेशन के कारण होता है. एचएलए-बी जीन शरीर के प्रतिरोधी तंत्र को वाइरस और बैक्टीरिया के हमले की पहचान करने में मदद करता है लेकिन जब जीन खास म्युटेशन में होता है तो उसका स्वस्थ प्रोटीन संभावित खतरों की पहचान नहीं कर पाता है और यह प्रतिरोधी क्षमता शरीर की हड्डियों और जोड़ों को निशाना बनाता है, जो स्पांडिलाटिस का कारण होता है. हालांकि अब तक इसके सही कारणों का पता नहीं चल पाया है. 

एक्सपर्ट डॉक्टर्स से ले सलाह

जब जोड़ों में दर्द की शिकायत हो तो उसकी जांच करवानी चाहिए क्योंकि इससे उम्र बढ़ने पर और तकलीफ बढ़ती है. एचएलए-बी 27 जांच करवाने से स्पॉन्डिलाइटिस का पता चलता है. एचएलए-बी 27 एक प्रकार का जीन है जिसका पता खून की जांच से चलता है. इसमें खून का सैंपल लेकर लैब में जांच की जाती है. इसके अलावा एमआरआई से भी स्पॉन्डिलाइटिस का पता चलता है.

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