कैंसर को मात देने में खेल बना मददगार, सॉफ्टबॉल कोच माइकल लोटिफायर ने नहीं मानी हार
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कैंसर को मात देने में खेल बना मददगार, सॉफ्टबॉल कोच माइकल लोटिफायर ने नहीं मानी हार

माइकल ने कैंसर से जंग जीती और अपने मुश्किल दौर में भी खेल का मैदान नहीं छोड़ा. 

माइकल लोटिफायर (फाइल फोटो: Instagram)
माइकल लोटिफायर (फाइल फोटो: Instagram)

नई दिल्ली: कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान का शरीर टूट जाता है लेकिन इससे जीतने में अक्सर इंसान का मनोबल उसका सहारा बनता है. ऐसा ही कुछ हुआ सॉफ्टबॉल कोच माइकल लोटिफायर के साथ जिन्होंने इस बीमारी को मात देने के लिए अपने खेल को हथियार बना लिया. माइकल ने कैंसर से जंग जीती और अपने मुश्किल दौर में भी खेल का मैदान नहीं छोड़ा. माइकल का जीवन कई ऐसे कैंसर मरीजों के लिए मिसाल है जो जीवन से हार मान जाते हैं. 

17 साल तक University of Louisiana में सॉफ्टबॉल के कोच रहे माइकल कहते हैं कि सॉफ्टबॉल सिर्फ जीतने का खेल नहीं है. माइकल मानते हैं कि वो इस खेल को बहुत अचदी तरह समझते हैं और यही वजह है कि अपने करियर में एक कोच की पोजिशन तक पहुंचे. माइकल कोशिश करते हैं कि टीम के प्लेयर्स खेल और अकेदमिक दोनों ही जगह अच्छा परफॉर्म करें. इतना ही नहीं वो बतौर कोच अपने प्लेयर्स की मदद करते हैं ताकि वो ही कैटगरी में अच्छा स्कोर कर सकें. 

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बता दें कि काफी कम लोगों को इस बारे में पता था कि माइकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. बतौर कोच माइकल ने अपने प्लेयर्स को हर संभव मार्गदशर्न दिया और उनका मानना है कि उनका काम ही उनमें जोश भरता था. माइकल अब कैंसर से जंग जीत चुके हैं. अपने खेल के प्रति उनका समर्पण उनकी टीम में भी दिखाई पड़ता है. 

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