स्लिम लोगों की तरफ हसरत से देखना छोड़ दें, जानें क्यों पॉपुलर नहीं हो पाया प्लस साइज फैशन
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स्लिम लोगों की तरफ हसरत से देखना छोड़ दें, जानें क्यों पॉपुलर नहीं हो पाया प्लस साइज फैशन

मोटे लोग हमेशा वजन घटाने की कोशिशों में लगे रहते हैं. खासकर अगर आप टीन एज या ट्वेंटीज में हैं तो बाजार आपके प्रति क्रूर हो जाता है. 

ब्रिटेन की पहली ए​शियाई प्लस साइज मॉडल बिशम्बर दास.

नई दिल्ली: हाल में आपने प्लस साइज ​परिधानों को तो देखा होगा. ज्यादातर वेबसाइट्स पर भी आपको प्लस साइज कपड़े पहने मॉडल दिखती होंगी. ये उन मॉडल्स से अलग नजर आईं, जिनकी छवि हमारे मन में है. ये शुरुआत भी उस छवि को तोड़ने के लिए ही की गई थी कि आम तौर पर हर किसी का फिगर उस दुबली पतली सी मॉडल जैसा नहीं होता. लेकिन जिस मकसद के साथ ये प्रयोग किया गया था, प्लस साइज परिधानों को उतनी लोकप्रियता नहीं मिली.

प्लस साइज रेडिमेड परिधानों की शुरुआत अमेरिका से हुई 

प्लस साइज परिधानों की बात करें तो ये उन महिलाओं और पुरुषों के लिए खास परिधान जिन्हें एक्सएक्सएल साइज भी टाइट आता है. कुल मिला कर प्लस साइज रेडिमेड परिधानों की शुरुआत अमेरिका से हुई थी, जहां के 42 प्रतिशत टीनेजर ओबीस के मरीज हैं या मोटे हैं. कुल मिला कर 54 प्रतिशत लोग मोटापे के शिकार हैं. उन्होंने रेडीमेड कपड़े खरीदने में खासी दिक्कत आती थी. जिन देशों में रेडीमेड कपड़ों का ही चलन है वो भी वेस्टर्न वियर, वहां सही नाप के कपड़े अगर न मिलें, तो बहुत दिक्कत आती है.

प्लस साइज पोशाकों को नहीं मिल रही लोकप्रियता

यूरोमॉनिटर द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक, प्लस साइज पोशाकों को दुनिया भर में जितनी लोकप्रियता मिलनी चाहिए, नहीं मिल रही. डिजाइनर और मर्चेंडाइजर रितु वालिया इसकी वजह बताती हैं, ‘जब आप एक लाइफस्टाइल स्टोर में जाते हैं तो आपको परफेक्ट कट और फैब्रिक के कपड़े मिल जाते हैं, खासकर उनके लिए जो एक्स एस या डबल एस साइज के होते हैं. प्लस साइज के लोगों की सबसे बड़ी दिक्कत है, उनकी बॉडी का अनुपात एक जैसा नहीं होता. इसीलिए फिटिंग अजीब सी हो जाती है. जैसे अगर महिला ओवरसाइज है तो हो सकता है उसका कमर का हिस्सा भारी हो. तो किसी का बैक या फ्रंट बेडौल हो सकता है. ऐसे में एक ही प्लस साइज सबको फिट आ जाएगा, यह कहना मुश्किल हो जाता है.'

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प्लस साइज पहन कर ज्यादातर लोग नाखुश रहते हैं?

फ्रेंच डिजाइनर मॉरिन कहते हैं, ‘चाहे स्त्री हो या पुरुष, प्रोफेशनल लाइफ में सब बढ़िया पोशाक में दिखना चाहते हैं. प्लस साइज पहन कर मैंने ज्यादातर लोगों को नाखुश देखा है.’ प्लस साइज को बाजार में एस्टैब्लिश हुए एक दशक से अधिक हो गया. कई ब्रांड सिर्फ प्लस साइज के ही कपड़े बनाते हैं. हर मॉल में प्लस साइज का शो रूम भी है. हमारे यहां एक और दिक्कत है कि भारी शरीर या मोटापे को सामाजिक स्वीकृति नहीं मिली है. मोटे लोग हमेशा वजन घटाने की कोशिशों में लगे रहते हैं. खासकर अगर आप टीन एज या ट्वेंटीज में हैं तो बाजार आपके प्रति क्रूर हो जाता है. जैसे ही आप प्लस साइज शो रूम में एंटर करते हैं, आपको अहसास हो जाता है कि आपको अलग तरह से ट्रीट किया जा रहा है.'

हर साइज की अपनी ब्यूटी होती है

रितु कहती हैं, ‘अगर आप ओवर साइज्ड हैं और खुश हैं, किसी तरह की हेल्थ की दिक्कत नहीं है, तो आपको हर वक्त स्लिम होने और एस साइज के लोगों की तरफ हसरत से देखने की जरूरत नहीं है. हर साइज की अपनी ब्यूटी होती है.’

हालांकि वह ये भी कहती हैं कि प्लस साइज के कपड़ों में चॉइस कम होती है. डिजाइनर कम प्रयोग करते हैं. यही वजह है कि मोटे लोग भी सामान्य लाइफस्टाइल शॉप से बिग साइज लेना प्रिफर करते हैं. अगर आप ओवर साइज्ड हैं तो किसी तरह के कॉम्पलेक्स में न आएं. प्यार से अपनी साइज को स्वीकारें और ये टिप्स आजमाएं.

-ज्यादा लेयर वाले परिधान न पहनें. अगर आपके पांव मोटे हैं तो घुटनों तक की जगह टखनों तक आने वाली ड्रेस पहनें. उसी तरह मेल अपने बरमुडा थाई के बजाय नी लेंथ की पहनें.

-बहुत डार्क कलर न चुनें. इससे बॉडी शेप कन्फ्यूज्ड लगने लगता है.

-आप ओवर साइज्ड हैं तो इस गिल्ट में और भी ढीला परिधान न खरीदें.  आपको बोरा नहीं दिखना, उसी साइज का खरीदें, जो फिट आए. बहुत ढीली ड्रेस या शर्ट आपको उम्रदराज दिखाएगी.

-आप जो भी पहनें, पूरे आत्मविश्वास के साथ पहनें. साइज हमारे दिमाग में होता है. आप अगर अच्छे से कैरी करेंगे, तो आप हर मोर्चे पर आगे दिखेंगे.

-अपना स्टाइल बनाएं. दूसरों को कॉपी न करें. आप चाहे रेडीमेड पहनें या टेलर मेड, कपड़े आपकी चॉइस की होनी चाहिए.

 

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