बिना ब्रेक के लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर को होते हैं बड़े नुकसान, बरतें सावधानी
आधुनिक समय में, जहां हम अधिकतर बैठे-बैठे काम करते हैं, लंबे समय तक बैठने के नुकसान बहुत बढ़ गए हैं. चाहे वो ऑफिस में हों या घर पर, स्क्रीन के सामने लगातार एक ही स्थिति में रहने खतरनाक होता है.
आधुनिक समय में, जहां हम अधिकतर बैठे-बैठे काम करते हैं, लंबे समय तक बैठने के नुकसान बहुत बढ़ गए हैं. चाहे वो ऑफिस में हों या घर पर, स्क्रीन के सामने लगातार एक ही स्थिति में रहने का नतीजा सिर्फ असहजता से कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकता है. हमारा शरीर, जो स्वाभाविक रूप से हरकत करने के लिए बना है, वो लंबे समय तक स्थिर रहने के प्रति नकारात्मक प्रतिक्रियाएं देता है, जो हमें चौंका सकती हैं और चिंता में डाल सकती हैं.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि लंबे समय तक बैठने से हड्डी-पेशी तंत्र पर असर पड़ता है, जिससे गर्दन, कंधों और पीठ के निचले हिस्से में मांसपेशियों में अकड़न हो सकती है. यह खराब मुद्रा और असंतुलित मांसपेशियों के विकास में योगदान दे सकता है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी कम हो जाता है. इतना ही नहीं, लंबे समय तक बैठने से पैरों और नितंबों की बड़ी मांसपेशियां कमजोर होकर सिकुड़ सकती हैं. ये बड़ी मांसपेशियां चलने और आपके संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं. यदि ये मांसपेशियां कमजोर हैं, तो गिरने से या व्यायाम के दौरान खिंचाव से खुद को चोट लगने की संभावना अधिक होती है.
लंबे समय तक बैठने के नुकसान सिर्फ थकान तक सीमित नहीं हैं, आपका शरीर इससे कहीं ज्यादा मुश्किलों का सामना कर सकता है:
कूल्हे और पीठ
पैरों और नितंबों की तरह, अगर आप ज्यादा बैठते हैं तो आपके कूल्हे और पीठ आपका भी ठीक से सहारा नहीं दे पाएंगे. बैठने से कूल्हे की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे जोड़ों की समस्या हो सकती है. साथ ही, लगातार गलत मुद्रा में बैठने से पीठ की परेशानी हो सकती है. खराब मुद्रा रीढ़ की हड्डी के लिए भी हानिकारक है, डिस्क में दबाव पड़ने से उनका घिसाव (डिजेनेरेशन) बढ़ता है, और इससे काफी दर्द हो सकता है.
वजन
ज्यादा बैठने से पाचन ठीक से नहीं होता, जिससे शरीर में फैट जमा हो जाता है.
चिंता और तनाव
जो लोग ज्यादा बैठते हैं उनमें चिंता और तनाव का खतरा ज्यादा होता है. शायद इसलिए क्योंकि शारीरिक रूप से सक्रिय न होने से उन्हें फिटनेस का लाभ नहीं मिल पाता है. तो उठकर थोड़ा हिलने-डुलने से आपके तनाव में भी कमी आ सकती है.
कैंसर
हालिया अध्ययनों से पता चलता है कि ज्यादा बैठने से फेफड़े, गर्भाशय और कोलन के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.
डायबिटीज
रिसर्च दिखाते हैं कि बिस्तर पर पांच दिन भी लेटने से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकता है (इससे आपके ब्लड शुगर लेवल अस्वस्थ्य तरीके से बढ़ सकते हैं). ज्यादा बैठने से डायबिटीज का खतरा 112% तक बढ़ जाता है.
अकड़न और दर्द
कंप्यूटर के सामने ज्यादा झुककर बैठने से गर्दन और कंधों में दर्द और अकड़न हो सकती है. दुनिया भर में हर साल शारीरिक निष्क्रियता के कारण 3 मिलियन से ज्यादा मौतें होती हैं (यह सारी मौतों का छह प्रतिशत है). गैर-संक्रामक रोगों में मृत्यु के कारणों में यह चौथे स्थान पर है.
लंबे समय तक बैठने के नुकसानों से बचने के उपाय
- कार की जगह पैदल चलें या साइकिल चलाएं.
- लिफ्ट या एस्केलेटर की जगह सीढ़ियां चढ़ें.
- बस से एक स्टॉप पहले उतरें और बाकी रास्ता पैदल चलें.
- जहां जा रहे हैं वहां से थोड़ा दूर गाड़ी पार्क करें और बाकी रास्ता पैदल तय करें.
- हर घंटे शॉर्ट ब्रेक लें, उठें, स्ट्रेचिंग करें या थोड़ा टहलें. इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और मांसपेशियों में अकड़न कम होती है.
ऑफिस में एक्टिव रहें
- ईमेल की जगह सहकर्मियों से बात करने के लिए उनके पास जाएं.
- दोपहर का भोजन डेस्क से हटकर किसी खुली जगह पर करें, हो सके तो थोड़ा चलकर जाएं.
- मीटिंग्स करते हैं तो टहलते हुए करें.
- अपनी कुर्सी और डेस्क की ऊंचाई का ध्यान रखें ताकि रीढ़ की हड्डी सीधी रहे और बीच-बीच में बैठने का तरीका बदलने के लिए स्टैंडिंग डेस्क का इस्तेमाल करें.