एक शोध में पाया गया है कि खाने में बहुत ज्यादा नमक से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और इससे आपके शरीर को बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने में मुश्किल होती है.
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लंदन: कोरोना वायरस (Corornavirus) का इलाज तो अभी तक मिला नहीं लेकिन लोग इससे बचने के लिए अब अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाने की तरफ ध्यान देने लगे हैं. लोग अब इम्यूनिटी बढ़ाने वाले भोजन की तरफ रुख कर रहे हैं. लेकिन खाने की जान कहे जाने वाले नमक (Salt) के बारे में जो रिसर्च सामने आई है उसपर भी ध्यान देने की उतनी ही जरूरत है.
एक शोध में पाया गया है कि खाने में बहुत ज्यादा नमक से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और इससे आपके शरीर को बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने में मुश्किल होती है.
साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, शोधकर्ताओं ने चूहों को ज्यादा नमक वाला खाना खिलाया और उनमें बहुत से गंभीर बैक्टीरियल इनफैकेश्न पाए गए. जिन लोगों ने प्रतिदिन 6 ग्राम अतिरिक्त नमक का सेवन किया था उनमें भी स्पष्ट प्रतिरक्षा की कमी दिखाई दी.
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एक दिन में 5 ग्राम से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिशों के अनुसार वयस्कों को एक दिन में 5 ग्राम नमक से ज्यादा नमक नहीं लेना चाहिए. यह मात्रा करीब एक टीस्पून के बराबर है.
जर्मनी के बॉन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता क्रिश्चियन कुर्ट्स का कहना है- 'हम अब पहली बार ये साबित कर पाए हैं कि ज्यादा नमक का सेवन इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है.'
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह नतीजे अप्रत्याशित हैं क्योंकि कुछ अध्ययन इसके विपरीत इशारा करते हैं.
Wurzburg यूनिवर्सिटी से अध्ययन के प्रमुख लेखक Katarzyna Jobin का कहना है- 'हम चूहे में लिस्टेरिया संक्रमण के जरिए ये दिखाने में सक्षम थे. हमने पहले उनमें से कुछ को ज्यादा नमक वाले आहार पर रखा था. इन जानवरों की प्लीहा और लीवर में हमने 100 से 1,000 गुना रोग पैदा करने वाले रोगजनक देखे.'
लिस्टेरिया वो बैक्टीरिया है जो दूषित भोजन में पाए जाते हैं और बुखार, उल्टी और सेप्सिस का कारण बन सकते हैं. ज्यादा नमक वाला खाना खाने वाले चूहों के यूरिनरी ट्रैक्ट के संक्रमण भी बहुत धीरे ठीक हुए.
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अध्ययन में यह भी कहा गया है कि नमक (सोडियम क्लोराइड) मानव प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है.
क्रिश्चियन कुर्ट्स ने कहा- 'हमने उन लोगों की जांच की, जिन्होंने दैनिक मात्रा के अलावा 6 ग्राम नमक का सेवन किया था. यह लगभग उतना नमक था जितना दो फास्ट-फूड जैसे बर्गर और फ्रेंच फ्राइज़ में पाया जाता है.'
एक सप्ताह के बाद, वैज्ञानिकों ने उन लोगों खून में ग्रैन्यूलोसाइट्स की जांच की. ज्यादा नमक खाने वाले लोगों की प्रतिरक्षा कोशिकाएं (immune cells) बैक्टीरिया से खराब होनी शुरू हो गई थीं.
इन लोगों में ज्यादा नमक खाने से ग्लूकोकोर्टिकोइड के स्तर में वृद्धि हुई. अध्ययन के अनुसार, सबसे प्रसिद्ध ग्लुकोकॉर्टीकॉइड कोर्टिसोन का उपयोग पारंपरिक रूप से जलन को कम करने के लिए किया जाता है.