वैभव चौधरी अपने असाधारण काम के लिए, छात्रों और युवा वर्ग के बने 'रोल मॉडल'
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वैभव चौधरी अपने असाधारण काम के लिए, छात्रों और युवा वर्ग के बने 'रोल मॉडल'

शुरुआत में उनके सोशल मीडिया के प्रति जुनून को देखते हुए; हर कोई उनकी सोशल मीडिया के प्रति दीवानगी को देखकर मज़ाक बनाते या बेतुकी बातें करते थे.लेकिन अब...

वैभव चौधरी अपने असाधारण काम के लिए, छात्रों और युवा वर्ग के बने 'रोल मॉडल'

नई दिल्ली: आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने हर आम इंसान को भी खास बनने की राह दिखा दी है. अब ऐसा अगर आपके दिल में जज्बा है तो कोई आपकी सफलता को आपसे दूर नहीं कर सकता. अपने जीवन में ऐसे सफलता की सीढ़ियां चढ़ने वाले इंसान हैं वैभव चौधरी. जो आज अपने बल पर नए बिजनेसमैन और युवाओं के बीच एक मिसाल बनकर खड़े हैं. मात्र 15 साल की उम्र में ही वैभव ने पढ़ाई के साथ-साथ सोशल मीडिया की दुनिया को अपने करियर का हिस्सा बनाने का सोचा और साल 2014 में उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट्स को गंभीरता से देखना व समझना शुरू कर दिया ताकि आने वाले समय में वो इसके महारथी बन पायें. 

किसान परिवार में पैदा हुए सहारनपुर के गांव चंदेना कोली के वैभव चौधरी के बुलंद जज्बे ने ना केवल अपने पिता सुनील कुमार का नाम रोशन किया बल्कि अपने जिले के युवाओं के लिए भी काफी कम उम्र में प्रेरणादायी शख्सियत भी बन गए. बचपन में उनकी परवरिश काफ़ी साधारण तरीके से हुई. लेकिन, उनके इसी असाधारण जीवन और दृष्टि ने उन्हें युवा पीढ़ी के बीच चमकते सितारे की तरह उभरने व अपनी अलग पहचान बनाने में बेहद मदद की . 

शुरुआत में उनके सोशल मीडिया के प्रति जुनून को देखते हुए; हर कोई उनकी सोशल मीडिया के प्रति दीवानगी को देखकर मज़ाक बनाते या बेतुकी बातें करते थे. लेकिन, उन्होंने कभी भी नकारात्मक गतिविधियों व बातों को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया. सोशल मीडिया पर अपनी शुरुआत के बाद से, उन्होंने मनोरंजन उद्योग में कई बड़े नामों के साथ काम किया है, साथ ही कई खेल हस्तियों के सोशल मीडिया खातों को भी पूर्णरूप से चलाया. इसके अलावा, वह आईपीएल, प्रोकबड्डी और आने वाली युवा पीढ़ी को भी अपनी इस महारत से काफी प्रभावित कर रहे है. वैसे, वैभव चौधरी ने अपनी उम्र के और अन्य लोगों के सामने एक उदाहरण रखा है कि “आप जो चाहे वो कर सकते है, बशर्ते आपके पास उसे करने का जुनून होना चाहिए.” 

वैसे, इन छह सालों में वैभव की लगन को देखते हुए, कामयाबी भी उनके कदमों को चूमने पर मजबूर हो गई और आज हर युवा वैभव की तरह ही अपने करियर में कामयाब होने का सपना भी देखता है.

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