जयपुर: वोट देते हुए सेल्फी लेना पड़ा भारी, जिला निर्वाचन विभाग ने लिया एक्शन
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जयपुर: वोट देते हुए सेल्फी लेना पड़ा भारी, जिला निर्वाचन विभाग ने लिया एक्शन

अगर आपने लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान करते समय सोशल मीडिया पर फोटो या वीडियो पोस्ट की है तो आपको भी सावधान होने की जरुरत है. 

राज्य में चुनाव के बाद सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरें.

जयपुर: राजस्थान में गुप्त मतदान को सार्वजनिक करने वालों पर निर्वाचन विभाग कार्रवाई कर रहा है. अगर आपने लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान करते समय सोशल मीडिया पर फोटो या वीडियो पोस्ट की है तो आपको भी सावधान होने की जरुरत है. 

  1. पीपल रिप्रिजेंटेटिव 1951 के तहत हुई कार्रवाई.
  2. मतदान की गोपनीयता भंग करने का आरोप.
  3. हो सकती है 6 महीने की सजा और जुर्माना या दोनों. 
  4.  

देश में ‘गुप्त’ मतदान को लेकर कुछ नियम है. जिसका पालन नहीं होने पर निर्वाचन विभाग मतदाताओं और पीठासीन अधिकारियों पर कार्रवाई कर सकती है. इस लोकसभा चुनाव के दौरान अधिकारियों की लापरवाही के कारण कई मतदाता बूथ के अंदर मोबाइल लेकर पहुंचे और प्रत्याशी को वोट देते का वीडियो तक बना डाला. जो की कानून का सरासर उल्लंघन है.

मतदान केंद्र पर प्रतिबंधित है मोबाइल 
नियमानुसार, मतदान केंद्र के अंदर पीठासीन अधिकारी के अलावा कोई भी व्यक्ति, यहां तक की चुनाव कार्य में शामिल कर्मचारी-अधिकारी भी अपना मोबाइल बूथ के अंदर नहीं ले जा सकते.

जी मीडिया के पास मौजूद हैं कई वीडियो
जी मीडिया के पास जयपुर और नागौर लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में वोट डालते हुए कई वीडियो मौजूद है. जिसमें साफ दिख रहा है कि उन्होंने अपना मत किस प्रत्याशी को दिया है. निर्वाचन विभाग सोशल मीडिया पर इस तरह के फोटो और वीडिया डालने वाले लोगों का पता लगा रही है. जिनकी पहचान होने के बाद विभाग कार्रवाई भी कर रहा है.

दो आरोपियों पर मामला हुआ दर्ज
जयपुर जिला निर्वाचन पदाधिकारी जगरुप सिंह यादव ने बताया कि ऐसे दो मामलों में आरोपियों की पहचान कर मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि 6 मई को हुए मतदान के दिन फेसबुक और व्हाट्सएप पर ऐसे कई पोस्ट में से दो पोस्ट की जांच के बाद कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. वैसे निर्वाचन विभाग का दावा है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट डाले जाने पर इस तरह की होने वाली कार्रवाई पूरे देश में पहली बार हो रही है. 

जानिए क्या है नियम
आपको बता दें कि, पीपल रिप्रिजेंटेटिव 1951 की सेक्शन 180 के अनुसार प्रतिबंधित क्षेत्र या मतदान केन्द्र में मोबाइल या इलेक्ट्रानिक डिवाइज ले जाना अपराध है. वहीं, सेक्शन 128 के तहत मतदान की गोपनीयता भंग करना अपराध है. ऐसा करने पर 6 महीने की सजा और जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. 

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