अरुण जेटली ने कहा, 'वंशवाद की मौजूदा पीढ़ी कांग्रेस के लिए बोझ बन गई है'
अरुण जेटली ने कहा कि विकास के कारण देश की सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल बढ़ने के साथ ही लोगों के लिए वंशवाद को स्वीकार करना कठिन होगा.
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को आरोप लगाया कि ‘वंशवाद की मौजूदा पीढ़ी' कांग्रेस पार्टी के लिए बोझ बन गई है. इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि आकांक्षी भारत आम चुनाव के दौरान जाति-आधारित और वंशवादी दलों को खारिज कर देगा. जेटली ने एक ब्लॉग में कहा कि विकास के कारण देश की सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल बढ़ने के साथ ही लोगों के लिए वंशवाद को स्वीकार करना कठिन होगा.
जेटली ने कहा,‘यदि कांग्रेस के वंशवाद को संसद में केवल 44 सीटें या 60 सीटें देने की क्षमता है तो फिर पारंपरिक कांग्रेसियों के लिए खुद को किसी वंशवाद के अधीन करने का अपमान सहने का क्या प्रोत्साहन है? अंततः वंशवादी दलों में लोगों को राजनीतिक दासता स्वीकार करनी होती है.' जेटली ने यह ब्लॉग ‘क्या 2019 कांग्रेस पार्टी के लिए वंशवाद एक बोझ का गवाह बनेगा’ शीर्षक से लिखा है.
जेटली ने कहा कि बीजेपी ने देश को दो प्रधानमंत्री- अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी दिया जो ‘अपनी पीढ़ी के सबसे बड़े नेताओं’ से एक मील आगे थे. उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ योग्यता आधारित पार्टियों में ही हो सकता है और वंशवाद वाली पार्टियों में नहीं.
'क्या इतिहास पूरी तरह से कुछ अभूतपूर्व देखने जा रहा है'
जेटली ने कहा,‘क्या इतिहास पूरी तरह से कुछ अभूतपूर्व देखने जा रहा है? क्या हम जाति आधारित और वंशवादी पार्टियों को खारिज किए जाने का गवाह बनने जा रहे हैं? और क्या आकांक्षी भारत योग्यता आधारित नेतृत्व का चुनाव करने के लिए कठोर निर्णय लेगा? यह अच्छी तरह से हो सकता है.’
जेटली ने कहा कि इंडियन नेशनल लोकदल बिखर चुका है जबकि बहुजन समाज पार्टी को 2014 में लोकसभा चुनाव में कोई सीट नहीं मिली वहीं विधानसभा चुनाव में 19 सीटें मिलीं. उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में समाजवादी पार्टी अपने परिवार के सदस्यों की सीटें ही बचा सकीं वहीं आरजेडी दो सीटों पर सिमट गया.
पहले दो चरणों के आम चुनाव के बारे में टिप्पणी करते हुए जेटली ने कहा कि दिशा स्पष्ट रूप से बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी के साथ थी.