लोकसभा का टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस विधायक पार्टी कार्यालय से अपने समर्थकों के साथ 300 कुर्सियां ले गया. सिलोद से विधायक अब्दुल सत्तार सेंट्रल महाराष्ट्र से टिकट मांग रहे थे. पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो विधायक का गुस्सा कुछ इस कदर फूटा कि पार्टी ऑफिस से कुर्सियां ले गए.
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औरंगाबाद: लोकसभा का टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस विधायक पार्टी कार्यालय से अपने समर्थकों के साथ 300 कुर्सियां ले गया. सिलोद से विधायक अब्दुल सत्तार सेंट्रल महाराष्ट्र से टिकट मांग रहे थे. पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो विधायक का गुस्सा कुछ इस कदर फूटा कि पार्टी ऑफिस से कुर्सियां ले गए. कुर्सियां भी एक-दो नहीं पूरी तीन सौ. विधायक सत्तार ने कहा कि उन्होंने पार्टी छोड़ दी है. विधायक ने यह भी दावा किया कि कुर्सियां उन्हीं की थीं.
खबर के मुताबिक, कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने एनसीपी के साथ शाहगंज के अपने ऑफिस गीता भवन में संयुक्त बैठक बुलाई थी. हालांकि मीटिंग के पहले ही सत्तार ने अपने समर्थकों के साथ ऑफिस से कुर्सियां हटवा लीं. बाद में यह मीटिंग एनसीपी के दफ्तर में आयोजित की गई. सत्तार को औरंगाबाद का कद्दावर नेता माना जाता है. वह औरंगाबाद से टिकट मांग रहे थे.
हालांकि, कांग्रेस ने इस सीट से एमएलसी सुभाष झांबड को उतारने का फैसला किया है. इस घोषणा के बाद सत्तार नाराज हो गए. मंगलवार को जैसे ही उन्हें पता चला कि गीता भवन में कांग्रेस और एनसीपी की बैठक होने वाली है, वह अपने समर्थकों के साथ मीटिंग के पहले वहां पहुंचे और 300 कुर्सियां उठवा लीं.
न्यूज एजेंसी भाषा से चर्चा करते हुए सत्ता ने कहा, "हां, मैंने कुर्सियां हटवा ली हैं क्योंकि वह मेरी थी. अब मैंने पार्टी छोड़ दी है इसलिए कुर्सियां भी ले गया. जिन लोगों को टिकट मिला है, उन्हें कुर्सियों का इंतजाम करना चाहिए."
उधर, इस संबंध में एमएलसी सुभाष झांबड ने कहा, "हो सकता है कि सत्तार को इन कुर्सियों की जरूरत रही हो, इसलिए वह कुर्सियां ले गए. हम इस कदम से निराश नहीं हैं. सत्तार अभी भी कांग्रेस में हैं क्योंकि उनका त्यागपत्र अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है."