बगलकोट लोकसभा सीट: बीजेपी की निगाहें लगातार चौथी जीत पर, सिद्दरमैया बन सकते हैं कांग्रेस के तारणहार
बीजेपी ने तीन बार के सांसद पीसी गड्डीगौडार को चौथी बार मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने जिला पंचायत अध्यक्ष वीना काशप्पानवार को उनके सामने उतारा है. पीसी गड्डीगौडार की इस क्षेत्र में अच्छी छवि है, लेकिन लगातार तीन बार सांसद रहने के कारण एंटी इन्कंबेंसी भी उनके खिलाफ है.
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बगलकोट: उत्तरी कर्नाटक की ये लोकसभा सीट इस बार सबसे हॉट सीट में से एक है. यहां से बीजेपी ने तीन बार के सांसद पीसी गड्डीगौडार को चौथी बार मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने जिला पंचायत अध्यक्ष वीना काशप्पानवार को उनके सामने उतारा है. पीसी गड्डीगौडार की इस क्षेत्र में अच्छी छवि है, लेकिन लगातार तीन बार सांसद रहने के कारण एंटी इन्कंबेंसी भी उनके खिलाफ है. वहीं इस सीट पर कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्दरमैया की लोकप्रियता का भी टेस्ट है.
2014 में पीसी गड्डीगौडा ने कांग्रेस उम्मीदवार को यहां पर करीब सवा लाख वोटों से हराया था. इस बार उनका मुकाबला जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन से है.
सीट का इतिहास
1977 में कर्नाटक राज्य बनने के बाद 1991 तक इस सीट पर कांग्रेस काबिज रही. 1996 में पहली बार यहां से जनता दल ने जीत हासिल की. 1998 में लोक शक्ति पार्टी के अजय कुमार ने चुनाव जीता. 1999 में कांग्रेस ने वापसी की, लेकिन 2004 से इस सीट पर पीसी गड्डीगौडार ने ऐसा कब्जा जमाया कि वह आज तक यहां पर जमे हुए हैं.
सिद्दरमैया भी हैं यहां पर बड़ा फैक्टर
कांग्रेस नेताओं के अनुसार, इस सीट पर सिद्दरमैया बड़ा फैक्टर हैं. क्योंकि इस लोकसभा सीट में एक सीट बादामी भी है. यहां से सिद्दरमैया लगातार जीतते रहे हैं. इस सीट में 8 विधानसभा सीट हैं. इसमें 6 पर बीजेपी और 2 पर कांग्रेस का कब्जा है.
बगलकोट में कांग्रेस ने बदली रणनीति
पिछले चुनाव में कांग्रेस ने रेड्डी लिंगायत समुदाय से उम्मीदवार उतारा था, जिसे हार मिली थी. इस बार उसने पांचमासाली लिंगायत समुदाय की वीना को मैदान में उतारा है. वहीं पीसी गड्डीगौडा गनिगा लिंगायत समुदाय से आते हैं. ये दोनों ही समुदाय इस सीट पर हार जीत में बड़ी भूमिका निभाते हैं. कांग्रेस का मानना है कि महिला उम्मीदवार के कारण इस सीट पर कांग्रेस के चांस ज्यादा हैं. कांग्रेस का मानना है कि कुरबा और दूसरी पिछड़ी जातियां कांग्रेस के साथ जाएंगीं.