अरुणाचल प्रदेश में BJP को मिली बड़ी कामयाबी, चुनाव से पहले ही जीत लीं दो सीटें
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अरुणाचल प्रदेश में BJP को मिली बड़ी कामयाबी, चुनाव से पहले ही जीत लीं दो सीटें

अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होने हैं. पहले चरण में 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 25 मार्च थी.

दोनों ही सीटों पर अन्य प्रत्याशियों ने गलत नामांकन पत्र दाखिल किया था.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अरुणाचल प्रदेश में बड़ी सफलता मिली है. इस पूर्वोत्तर राज्य में बीजेपी ने बिना चुनाव लड़े ही दो सीटों पर कब्जा कर लिया है. 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव से पहले ही इन सीटों पर मिली जीत को बीजेपी के लिए एक बड़ी बढ़त के रूप में देखा जा रहा है. दरअसल, अरुणाचल प्रदेश की दो विधानसभा सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. आलो सीट पर सर केंटो जिनी और याचुली सीट से इंजीनियर ताबा तेदीर ने जीत दर्ज की है. 

अन्य प्रत्याशियों ने भरे गलत नामांकन पत्र
अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होने हैं. पहले चरण में 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 25 मार्च थी. नामांकन के आखिरी दिन आलो सीट पर सर केंटो जिनी और याचुली सीट से इंजीनियर ताबा तेदीर के सामने कोई भी वैध उम्मीदवार नहीं था. चुनाव अधिकारी के अनुसार, नामांकन तारीख निकलने के बाद सामने आया कि इन दोनों ही उम्मीदवारों के सामने कोई भी वैध प्रत्याशी नहीं था. बताया जा रहा है कि दोनों ही सीटों पर अन्य प्रत्याशियों ने गलत नामांकन पत्र दाखिल किया था. इससे बीजेपी के इन उम्मीदवारों की जीत चुनाव से पहले ही पक्की हो गई. 

पहले चरण में 11 अप्रैल को होना है चुनाव
वहीं, अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले की मुक्तो सीट पर विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है. इस सीट पर से मौजूदा विधायक राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू हैं. भारत-चीन सीमा से लगी इस विधानसभा सीट पर 1999 से बिना मुकाबले विधायक चुनकर आते रहे हैं. कांग्रेस ने इस बार इस सीट से थुप्तेन कुनफेन को उम्मीदवार बनाया है जबकि जनता दल सेक्युलर की ओर से 39 वर्षीय बौद्ध भिक्षु लामा लोबसांग ग्यात्सो चुनाव मैदान में हैं. अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों और दो लोकसभा सीटों पर एक साथ 11 अप्रैल को चुनाव होंगे. 

2011 में हुए उपचुनाव में जीते थे खांडू
तवांग में बड़ी बांध परियोजनाओं के खिलाफ आंदोलनों का नेतृत्व करने वाले ग्यात्सो मुख्यमंत्री खांडू से मुकाबला करेंगे, जिन्होंने 2014 के विधानसभा चुनावों में इस सीट से निर्विरोध जीत हासिल की थी. उन्हें अपने पिता दोरजी खांडू की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु के बाद 2011 में हुए उपचुनाव में भी जीत मिली थी. दोरजी खांडू 1990 से ही इस सीट पर जीत हासिल करते रहे थे.

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