लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बांदा जिले की तिंदवारी सीट पर भी इन्हीं तरीकों का इस्तेमाल मतदान बढ़ाने के लिए किया गया था. जिसके परिणाम स्वरूप 2014 की अपेक्षा इस चुनाव के मतदान में 12 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ था.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2109 के पांचवें चरण में जिन 7राज्यों की 51 संसदीय सीटों पर मतदान हो रहा है, उसमें उत्तर प्रदेश का बांदा संसदीय सीट भी एक है. बीते कुछ समय से यह संसदीय एक खास वजह से बेहद चर्चाओं में है. इन चर्चाओं की एक वजह है 90 फीसदी से अधिक मतदान का लक्ष्य. वहीं, इन चर्चाओं की दूसरी वजह 90 फीसदी मतदान का लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे तरीके हैं. जिला प्रशासन इन तरीकों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को घरों से निकालकर मतदान केंद्रों तक लाने के लिए कर रहा है. उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बांदा जिले की तिंदवारी सीट पर भी इन्हीं तरीकों का इस्तेमाल मतदान बढ़ाने के लिए किया गया था. जिसके परिणाम स्वरूप 2014 की अपेक्षा इस चुनाव के मतदान में 12 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ था.
मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए हर मतदान केंद्र में उपलब्ध है मनोरंजन का इंतजाम
लोकसभा चुनाव 2019 को बांदा जिला प्रशासन ने मतदान महोत्सव का नाम दिया है. मतदान महोत्सव को खास बनाने के लिए जिला प्रशासन ने हर मतदान केंद्र में मनोरंजन के साथ जलपान की व्यवस्था की गई है. जिला प्रशासन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हर मतदान केंद्र के लिए अलग अलग कार्यक्रम तय किए गए हैं. जिसमें कुछ मतदान केंद्रों के बाहर मैजिक शो का आयोजन किया जा रहा है. वहीं बहुत से मतदान केंद्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक नृत्य और लोकसंगीत का भी आयोजन करवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मतदान महोत्सव के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थानीय संस्कृति और लोक कलाओं से जोड़ने का प्रयास भी किया गया है. उन्होंने 'दिवारी' लोककला का जिक्र करते हुए बताया कि यह कला बांदा के एक खास वर्ग से जुड़ी है. बहुत से मतदान केंद्र पर इस कला का भी प्रदर्शन किया जा रहा है.
मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने के लिए इन तरीकों का किया जा रहा है इस्तेमाल
उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के जिलाधिकारी हीरालाल ने चुनाव से पूर्व लक्ष्य रखा था कि लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत किसी भी सूरत में 90 फीसदी से अधिक पहुंचाया जाए. इसके लिए सबसे पहले, जिलाधिकारी ने उन बाधाओं को दूर दिया, जिनके चलते लोग मतदान के लिए घर से निकालने में कतराते थे. इसमें सबसे बड़ी बाधा वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध होना था. जी हां, बीते चुनावों में कानून एवं व्यवस्था को देखते हुए जिले में वाहनों की आवाजाही प्रतिबंध रहता था. इस बार, जिलाधिकारी हीरा लाल ने वाहनों की आवाजाही से प्रतिबंध हटा दिया है. जिससे मतदाता, कड़ी धूप और गर्मी के बावजूद आसानी से मतदान केंद्रों तक पहुंच सकें. जिला प्रशासन द्वारा दी गई इस छूट से बीमार, बुजुर्ग और महिला मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचने में खासी सहूलियत मिली है. इतना ही नहीं, मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने के लिए विशेष वाहनों की भी व्यवस्था की गई है.