19 मई को होने वाले सातवें चरण के लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सभी पार्टियों की रैलियों, जनसभाओं और रोड शो पर पाबंदी लगा दी है.
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल ने चुनाव आयोग ने हिंसा के बाद बड़ी कार्रवाई की है. पर्यवेक्षक अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की है. चुनाव आयोग ने कई बड़े अधिकारियों की छुट्टी की. पश्चिम बंगाल के प्रधान सचिव को हटा दिया गया है. चुनाव आयोग ने बंगाल में प्रचार का वक्त घटाया. सातवें चरण के लिए किसी भी तरह की रैली, रोड शो पर रोक लगा दी है. यह आदेश कल रात 10 बजे के बाद लागू होगा. अब दमदम, बरासत, बसीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, जादवपुर, डायमंड हार्बर, दक्षिण और उत्तरी कोलकाता में कल रात 10 बजे से कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा.
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के दौरान हिंसा को देखते हुए चुनाव आयोग ने आगामी 19 मई तक के लिए चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है. चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर सभी राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार पर रोक लगाई है. 19 मई को होने वाले सातवें चरण के लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सभी पार्टियों की रैलियों, जनसभाओं और रोड शो पर पाबंदी लगा दी है.
दरअसल, मंगलवार को कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी और आगजनी की थी. इससे पहले भी पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान चुनावी हिंसा अपने चरम पर थी. चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार, गुरुवार रात 10 बजे के बाद से कोई भी राजनीतिक दल पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार नहीं कर पाएगा.
इस तरह से चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में प्रचार का वक्त घटा दिया है. चुनाव प्रचार 17 फरवरी को समाप्त हो जाएगा. चुनाव आयोग ने कहा, "कोलकाता में विद्या सागर की मूर्ति तोड़े जाने का दुख है. उम्मीद है कि हिंसा से शामिल लोगों को प्रशासन जल्द गिरफ्तार करके कार्रवाई करेगा."