भारत नहीं 2019 में इन देशों में भी हुआ चुनाव, जानिए इनके बारे में...
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भारत नहीं 2019 में इन देशों में भी हुआ चुनाव, जानिए इनके बारे में...

दिलचस्प बात यह है कि जिस वक्त भारत में 7 चरणों में लोकसभा चुनावों के लिए मतदान और मतगणना हो रही है, इस वक्त दुनिया के कई हिस्सों में चुनाव हुआ. दुनिया के एक तिहाई हिस्से में भारत के लोकसभा चुनावों के साथ ही सत्ता के लिए नेता का चुनाव हो रहा है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: 2019 की शुरुआत के साथ ही पूरे भारत की जनता की निगाहें लोकसभा चुनावों पर टिकीं हुई हैं. साल के 6 महीने बीते और पूरे देश सिर्फ इस बात के कसीदे ही पढ़ता रहा कि सत्ता में इस बार किस राजनेता और कौन सी पार्टी की वापसी होगी. आखिरकार देश की जनता का इंतजार अब खत्म होने वाला है. आज देशभर में मतगणना शुरू हो चुकी है. 

दुनिया के एक तिहाई हिस्से में मतदान...
दिलचस्प बात यह है कि जिस वक्त भारत में 7 चरणों में लोकसभा चुनावों के लिए मतदान और मतगणना हो रही है, इस वक्त दुनिया के कई हिस्सों में चुनाव हुआ. दुनिया के एक तिहाई हिस्से में भारत के लोकसभा चुनावों के साथ ही सत्ता के लिए नेता का चुनाव हो रहा है. 

देश के इतिहास का सबसे महंगा चुनाव
भारत के अलावा इन दिनों नाइजीरिया में भी चुनाव हो रहे हैं. यह इस देश के इतिहास के सबसे महंगे चुनावों में से एक हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार चुनावों पर 1.5 बिलियन डॉलर के करीब खर्चा हुआ. हालांकि देश के चुनावों में इतना खर्च होने के बाद भी मतदाताओं का उत्साह काफी कम रहा है. प्रशासन को जितनी उम्मीद थी, उतने मतदाता पोलिंग बूथों तक नहीं पहुंचे. पहली बार इस मुस्लिम बहुल देश में लोगों ने राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और दोनों हाउस के सदस्यों के लिए मतदान किया. 17 अप्रैल को हुए मतदान के बाद 300 से अधिक चुनाव कर्मचारियों की काम के अधिक दबाव के कारण मौत हो गई. 

यूक्रेन के चुनावों पर देशभर की निगाहें
नाइजीरिया के साथ ही 2019 में क्राइमिया से रूसी प्रभाव के मुक्त होने के बाद यूक्रेन में हुए चुनावों पर रही. इस चुनाव में हास्य अभिनेता व्लादिमिर जेलंस्की प्रेजिडेंट पद के लिए चुने गए. 

एस्टोनिया ने रचा इतिहास
भारत के बाद सबसे ज्यादा चुनाव कहीं दिलचस्प रहे तो वो जगह थी एस्टोनिया. एस्टोनिया में ऑनलाइन मतदान हुआ. खास बात यह थी कि अब तक किसी भी देश में ऑनलाइन मतदान की क्रिया संपन्न नहीं हुई थी. ऑनलाइन मतदान कराने के बाद एस्टोनिया दुनिया का पहला ऑनलाइन चुनाव कराने वाला देश बन गया. इन चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन सेंटर पार्टी को प्राप्त हुई 26 सीटों के मुकाबले विपक्षी एस्टोनिया रिफॉर्म पार्टी को 34 सीटें मिली हैं.

एक मतपत्र पर नॉर्थ कोरिया में मतदान
2019 में उत्तर कोरिया में संसदीय चुनाव संपन्न हुए. इस चुनाव में लगभग 99.99 प्रतिशत मतदान हुआ. उत्तर कोरिया की सुप्रीम पीपुल्स असेंबली यानी संसदीय चुनाव को प्योंगयांग अपने शासन के वैध ठहराने के लिए कराता है, लेकिन दुनिया के ज्यादातर देश इस अर्थहीन कार्यवाही कहते हैं. इसकी वजह यह है कि हर वोटिंग पर्ची पर केवल एक ही राज्य के अनुमोदित उम्मीदवार का नाम होता है. नागरिकों को इस पर्ची में कुछ भरना नहीं होता और उन्हें उसमें कोई निशान नहीं लगाना पड़ता. उन्हें केवल इस पर्ची को लेकर बेलैट बाक्स में डालना होता है जो कि खुले में रखा होता है. 

इजरायल में नेतन्याहू के सामने आई थी कई चुनौती
ऐसा ही कुछ है इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ. इजरायल में इसी साल के अप्रैल महीने में चुनाव हुए. इजराइल में चुनाव ‘अनुपातिक-मतदान योजना’ के तहत होता है. इसमें वोटर प्रत्याशियों की जगह पार्टी को चुनते हैं. हर पार्टी को नेसेट में पहुंचने के लिए कुल मतदान में से कम से कम 3.25 फीसदी वोट पाना जरूरी है. अगर किसी पार्टी का वोट प्रतिशत 3.25 से कम रहता है तो उसे संसद की कोई सीट नहीं मिलती. पार्टियों को मिले मत प्रतिशत के अनुपात में उन्हें संसद की कुल 120 सीटों में से सीटें आवंटित की जाती हैं.

दुनिया के किस हिस्से में कब हुआ चुनाव
23 फरवरी: नाइजीरिया में आम चुनाव 
03 मार्च : एस्टोनिया में संसदीय चुनाव 
10 मार्च : नॉर्थ कोरिया में संसदीय चुनाव 
24 मार्च : थाइलैंड में आम चुनाव 
31 मार्च से 21 अप्रैल: यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव 
6 अप्रैल: मालदीव में संसदीय चुनाव 
9 अप्रैल: इजरायल में चुनाव 
17 अप्रैल: इंडोनेशिया में आम चुनाव 
28 अप्रैल : स्पेन में चुनाव 
8 मई : साउथ अफ्रीका में चुनाव 
13 मई: फिलीपींस में चुनाव 
18 मई : ऑस्ट्रेलिया में चुनाव 
26 मई : बेल्जियम में चुनाव 

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