इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी जगरूप सिंह यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस लापरवाही के लिए संबंधित विभागाध्यक्ष जिम्मेदार है.
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जयपुर: राज्य के वोटरों को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान वोट देने के लिए किसी वृद्धाश्रम या मोक्षधाम में जाना पड़े तो चौकिएगा नहीं. इस बार जिला निर्वाचन कार्यालय ने चुनाव में कई साल पहले भगवान को प्यारे हो चुके कई कर्मचारिओं की इलेक्शन ड्यूटी लगा दी है. इस लिस्ट में ऐसे भी लोगों का नाम शामिल है, जो सरकारी सेवा से कई वर्ष पहले सेवानिवृत हो चुके हैं.
राज्य के डीआईपीआर में तैनात रहे श्यामलाल, सुनील कुमार, रामकरण मीना, मुन्नालाल कब के स्वर्ग पहुंच गए. इनके अलावा छगनलाल मुंडोतिया, जगदीश नारायण मीना रिटायर होकर घर में आराम कर रहे है. लेकिन लापरवाही का नमुना देखिए निर्वाचन विभाग ने इनकी ड्यूटी लोकसभा चुनाव के वोटिंग के लिए लगाई है.
निर्वाचन अधिकारी के नाम से जारी आदेशों में स्वर्ग सिधार चुके कर्मचारी और रिटायर कर्मचारियों को चार अप्रैल को चुनाव प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है. इस सूची में मृतकों, रिटायर और स्थानांतरित कर्मचारियों के नामों से भरी सूची देखकर लोग चौंक गए हैं. लापरवाही का आलम ऐसा है कि खुद जिला निर्वाचन अधिकारी जगरूप सिंह यादव के पास इसकी जानकारी नहीं है.
इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी जगरूप सिंह यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस लापरवाही के लिए संबंधित विभागाध्यक्ष जिम्मेदार है. इन दोषियों पर आरपी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि जयपुर राज्य का सबसे बड़ा जिला है, जिसमें करीब 50 हजार से ज्यादा कार्मिकों की ड्यूटी लगाई जाती है. जिसके लिए सभी विभागों की उनके कार्मिकों की डाटा लिया जाता है. डाटा अपडेट नहीं होने के पीछे जिला निर्वाचन कार्यालय की गलती नहीं है. विभागाध्यक्षों ने कर्मचारियों की अपडेट सूची नहीं भेजी है, जिस कारण ऐसा हुआ है.
आपको बता दें कि, जिला निर्वाचन कार्यालय ने पांच साल पहले स्वर्ग सिधार चुके कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी लगाई है. इसके अलावा सेवानिवृत्त हो चुके कर्मियों को मतदान कराने के लिए पीओ 2 और पीओ 3 बना दिया. जिला निर्वाचन कार्यालय से मिले दस्तावेजों के अनुसार 29 दिसंबर 2015 को स्वर्ग सिधार चुके डीआईपीआर में वरिष्ठ सहायक के पद पर पदस्थ रहे श्यामलाल की ड्यूटी पीओ 2 पर लगाई गई है. वहीं, सुनील कुमार, रामकरण मीना मुन्नालाल को भी लोकसभा चुनाव के दौरान ड्यूटी का फरमान भेजा गया है. इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में पदस्थापित आईएएस अधिकारियों की ड्यूटी पोलिंग पार्टियों में लगा दी थी, जिसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था.