नोएडा के इस गांव में नहीं था रास्ता, लोगों ने कहा- नहीं डालेंगे वोट, सरकार ने किया ये इंतजाम
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नोएडा के इस गांव में नहीं था रास्ता, लोगों ने कहा- नहीं डालेंगे वोट, सरकार ने किया ये इंतजाम

गांव के लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि इलाके में बेहतर संचार एवं संपर्क व्यवस्था नहीं है.

(प्रतीकात्मक फोटो)

नोएडा: (उत्तर प्रदेश): गौतमबुद्धनगर प्रशासन ने यमुना पार के दलेलपुर गांव के मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक पहुंचने में मदद के लिए एक मोटरबोट किराए पर ली है। गुरुवार को इस संबंध में जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।

गौतमबुद्धनगर निर्वाचन क्षेत्र में दलेलपुर एकमात्र ऐसा गांव है जो यमुना नदी पार कर हरियाणा की ओर स्थित है। लेकिन यह हिस्सा उत्तर प्रदेश के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत आता है।

गांव के लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि इलाके में बेहतर संचार एवं संपर्क व्यवस्था नहीं है । इसी के चलते उन्होंने हाल ही में लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की थी।

चुनाव आयोग ने नाव का इंतजाम किया
एक मोटरबोट के मालिक को गुरूवार को भेजे गए एक सरकारी पत्र में कहा गया है कि मतदान के दिन 11 अप्रैल को मतदाताओं की सुविधा के लिए उसकी बोट किराए पर ली गई है।

बोट मालिक को भेजे गए आधिकारिक पत्र में कहा गया है, ‘मतदान के दिन यमुना पार स्थित दलेलपुर से मतदाताओं को लाने ले जाने के लिए आपकी बोट की सेवाएं ली गई हैं । 11 अप्रैल को मोटरबोट सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक नदी के फेरे लगाएगी।’ पत्र में कहा गया है, ‘इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।’

मतदान केंद्र 12 किलोमीटर दूर स्थित
दलेलपुर गांव के लोग मतदान केंद्र 480 और 481 में अपने वोट डालेंगे जो कि करीब 12 किलोमीटर दूर गुलावली गांव में बनाए गए हैं । दलेलपुर गांव में करीब 250 परिवार रहते हैं और यहां वर्ष 2014 में करीब 200 मतदाता थे जिनकी संख्या इस बार घटकर मात्र 28 तक रह गई है।

इस संवाददाता ने गांव के हाल के दौरे में पाया था कि यहां पर न तो पक्की गलियां हैं, न ही बिजली । जल मल निकासी व्यवस्था भी ठीक नहीं है । अधिकतर जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था गांववालों को अपने आप करनी पड़ती है। गांव के बाशिंदों का दावा है कि उनके पास न तो आधार कार्ड है और ही राशन कार्ड । 

दल्लेपुर पुहंचने में छूट जाते हैं पसीने
दलेलपुर राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में स्थित है लेकिन यहां पहुंचने में पसीने छूट जाते हैं ।गांव को नोएडा से जोड़ने के लिए कोई पुल नहीं है। गांववालों का कहना है कि नोएडा तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता है सडांध मारती प्रदूषित यमुना नदी को बोट से पार करना और उसके बाद कच्चे धूलभरे रास्ते पर तीन किलोमीटर पैदल चलना । या सड़क मार्ग से यहां पहुंचने के लिए दिल्ली और फरीदाबाद की एक ओर की करीब 70 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

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