उन्होंने कहा कि 70 बरस से हम यहां रह रहे हैं. पूरे समुदाय और क्षेत्र की अनदेखी हुई है. अगर कुछ गलत नहीं था तो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का इतना खराब प्रदर्शन क्यों रहा.
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अमेठी: कांग्रेस से पीढ़ियों पुराने रिश्ते तोड़ते हुए हाजी मोहम्मद हारून राशिद ने लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ मैदान में उतरने का फैसला किया है. 48 वर्षीय हाजी हारून के पिता हाजी सुल्तान 1910 में पैदा हुए थे. वह शुरू से ही कांग्रेस के वफादार रहे और राजीव गांधी एवं सोनिया गांधी के करीबी भी रहे. हारून ने इस बार चुनावी जंग में उतरने का फैसला किया है.
उन्होंने बताया कि उनके पिता ने मौलाना आजाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के साथ काम किया था पर कभी सत्ता या पद की लालसा नहीं रही. 'मैं भी कांग्रेस से जुड़ा रहा... लेकिन अब चुनाव लड़ने का फैसला किया है तो अवश्य कोई गंभीर बात होगी.'
हाजी हारून ने कांग्रेस से अपना मोहभंग होने का कारण अमेठी में विकास और प्रगति की कमी को बताया. उन्होंने कहा कि 70 बरस से हम यहां रह रहे हैं. पूरे समुदाय और क्षेत्र की अनदेखी हुई है. अगर कुछ गलत नहीं था तो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का इतना खराब प्रदर्शन क्यों रहा.
हारून ने दावा किया कि उनके परिवार में चुनाव लड़ने को लेकर कोई विरोध नहीं है. परिवार में सबका समर्थन है. उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि वह किस पार्टी के प्रत्याशी होंगे.
आपको बता दें कि अमेठी से राहुल के अलावा भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी भी चुनाव मैदान में हैं. स्मृति ने साल 2014 का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन राहुल से हार गईं थीं. अमेठी में छह मई को मतदान होना है और मतगणना 23 मई को होनी है.