बिहार की सभी 40 सीटों के लिए महागठबंधन और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने पूरा जोर लगा रखा है. आखिरी फेज में 8 सीटों पर मतदान होना है.
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पटनाः लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मतदान 11 अप्रैल से शुरू हुआ अब आखिरी चरण का मतदान 19 मई को खत्म होने जा रहा है. बिहार की सभी 40 सीटों के लिए महागठबंधन और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने पूरा जोर लगा रखा है. आखिरी फेज में 8 सीटों पर मतदान होना है. कहावत है अंत भला तो सब भला इसी तर्ज पर आठ सीटों पर जीत के लिए हर तरह के दांव आजमा रहे हैं.
भारत के साथ ही बिहार में भी 11 अप्रैल में पहले दौर की वोटिंग हुई और सभी सात चरणों के साथ बिहार में भी 19 मई को मतदान खत्म हो जाएगा. आकंड़ों पर नजर जाए तो पाटलिपुत्र, पटना साहिब, आरा, नालंदा, जहानाबाद, बक्सर, सासाराम, काराकाट पर मतदान होगा और पिछले लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगी दल चुनाव जीतने में सफल रहे.
पिछली बार जहां जहानाबाद, काराकाट से भाजपा की तब की सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी चुनाव जीतने में सफल रही. वहीं, नालंदा पर जदयू के कौशलेन्द्र कुमार जीते थे. अब जदयू राजग का जबकि राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी महागठबंधन का हिस्सा है. सभी दल अपने अपने हिसाब से चुनाव लड़ रहे हैं और सभी की जीत का दावा है.
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि पिछली बार लोगों ने मोदी के नाम पर भरोसा जताया था लेकिन इस बार माहौल बदल चुका है. भारत के राजनीति में बदलाव की शुरुआत बिहार से होती है और बिहार में बीजेपी बुरी तरह चुनाव हार जाएगी. आखिरी दौर का चुनाव इस लिहाज से भी दिलचस्प है कि चार केन्द्रीय मंत्री के भाग्य का फैसला भी होना है. पटना साहिब से रविशंकर प्रसाद, पाटलिपुत्र से रामकृपाल यादव, बक्सर से अश्विनी चौबे और आरा से आरके सिंह चुनाव लड़ रहे हैं.
काराकाट से उपेंद्र कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं जो कुछ महीने पहले तक एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड का काफी कुछ इस दौर में है और दूसरी ओर महागठबंधन के पास खोने के लिए कुछ नहीं हैं. क्योंकि, आठों सीट पर पिछली बार भाजपा या उसके सहयोगी दलों के उम्मीदवार जीते थे.
जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन के मुताबिक, पूरी तरह देश में प्रधानमंत्री मोदी की लहर है. बिहार में नीतीश कुमार का काम और केन्द्र में नरेंद्र मोदी की छवि सभी तरह के समीकरणों पर हावी होगी. बीजेपी प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा कि, 23 मई के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा और एक बार फिर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे.
19 मई को होने वाले मतदान और नतीजे में सिर्फ सात दिन की देरी है. लिहाजा हस्तिनापुर की जंग के लिए हर तरह के हथियार तमाम सियासी दल आजमा रहे हैं. क्या बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव की तरह भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन बरकरार रहेगा. क्या भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल इस बार ज्यादा सीट जीतेगी या फिर राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई वाला महागठबंधन कमाल दिखाएगा.