जीतन राम मांझी ने महागठबंधन में 'कॉर्डिनेशन' न होने को बताया हार का कारण
मांझी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मेरी शर्तों को मान लें, प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण के मसौदे को मंज़ूरी दे दें, तो मैं उन्हें समर्थन देने को तैयार हूं.
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पटनाः जीतन राम मांझी ने जी मीडिया से बातचीत मे कहा बिहार में महागठबंधन की हार का कारण बताया. बिहार में आरजेडी, कांग्रेस, हम, रालोसपा और वीआईपी पार्टी के बीच गठबंधन हुआ था. बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के नेता जीतन राम मांझी ने कहा, 'हमलोग तो सपने मे भी इतनी बुरी हार के बारे मे नहीं सोचा था हमलोग 30 तारीख़ को अपने पार्टी की समीक्षा बैठक होगी और 2 से 3 जून को महागठबंधन की समीक्षा बैठक करेंगे. देखिए साफ़ तौर पे मांझी ने इस बात को माना कि हमारे बीच कॉर्डिनेशन की भारी कमी रही जिसके चलते तालमेल हमारा हो नहीं सका जिसका हमें खामियाजा भुगतना पड़ा.
जीतन राम मांझी ने कहा, 'जिन राष्ट्रीय मुद्दा को परोसा वह हम जनता तक नहीं पहुंचा पाए, जबकि NDA के लोग 6 महीने से लगातार यही काम कर रहे थे. उन लोगों ने उन युवाओं को भ्रमित किया. मांझी ने कहा कि पुलवामा पर मेरा सवाल अभी भी लाज़मी है कि आख़िर उतना RDX वहां कैसे आया? आख़िर क्यों जब सेना एयरलिफ़्ट चाहती थी तो उसे नहीं किया गया? कैसे उनके जत्थे के बीच में कोई बाहरी गाड़ी इंट्री कर गई?'
उन्होंने कहा कि ये ऐसे मूल सवाल थे जिनका जवाब हमें केंद्र सरकार से मांगना चाहिए था, लेकिन हम जब आप नहीं मान सकें और उन लोगों ने दूसरी तरफ़ इस पूरे मसले को ही मोड़ दिया जिसका उन्हें फ़ायदा मिला.'
मांझी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मेरी शर्तों को मान लें, प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण के मसौदे को मंज़ूरी दे दें, तो मैं उन्हें समर्थन देने को तैयार हूं.
मांझी ने कहा, 'सत्ता पक्ष द्वारा पूरे चुनाव को ही धार्मिक रंग दे दिया गया, जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ा और वो लोग जितनी बार बैठकर बातें करते थे, हम उनसे कम बार आपस में चर्चा कर पाए. साध्वी प्रज्ञा जैसे लोगों को उन लोगों ने आगे बढ़ाया और हम इस बातों को नहीं समझ पाए. चुनाव आयोग का भी भेदभावपूर्ण रवैया सबके सामने रहा, हम लोग कभी भी वापस एनडीए के साथ नहीं जाने वाले हैं. हम जहां हैं वहां मज़बूती से हैं. '