लोकसभा चुनाव 2019: अकबर की नगरी 'फतेहपुर सीकरी' में किसके सिर सजेगा ताज?
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लोकसभा चुनाव 2019: अकबर की नगरी 'फतेहपुर सीकरी' में किसके सिर सजेगा ताज?

साल 2009 में यहां बीएसपी ने पहली बार जीत दर्ज की और साल 2014 में बीजेपी के चौधरी बाबूलाल ने जीत दर्ज की. 

लोकसभा चुनाव 2019: अकबर की नगरी 'फतेहपुर सीकरी' में किसके सिर सजेगा ताज?

नई दिल्ली: आगरा से सटा उत्तर प्रदेश का शहर फतेहपुर सीकरी 2008 में परिसीमन के बाद वर्चस्व में आई. साल 2008 में इस सीट का परिसीमन हुआ. 2019 में इस सीट पर तीसरा लोकसभा चुनाव होगा. साल 2009 में यहां बीएसपी ने पहली बार जीत दर्ज की और साल 2014 में बीजेपी के चौधरी बाबूलाल ने जीत दर्ज की. 

ऐसे मिला शहर को नाम 
फतेहपुर सीकरी एक एतिहासिक शहर है. जो साल 1569 में मुगल सम्राट अकबर ने स्थापित किया था और साल 1571 से 1585 तक मुगल साम्राज्य की राजधानी था. आगरा से 40 किलोमीटर दूरी पर ये शहर स्थित है. 
ऐसा कहा जाता है कि अकबर सीकरी नामक शहर में रहने वाले संत शेख सलीम चिश्ती के पास गए थे, जिनके आशीर्वाद से अकबर के तीन बेटे हुए, जिसके बाद अकबर ने सीकरी में एक नया शहर बनाया और अपनी नई राजधानी का नाम फतेहपुर सीकरी यानि विजय का शहर रखा. बुलंद दरवाजा और सलीम चिश्ती की दरगाह की वजह से ये शहर हमेशा पर्यटकों और आस्था का केंद्र रहा है.

2014 का राजनीतिक समीकरण
उत्तर प्रदेश की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद बीजेपी के चौधरी बाबूलाल हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव साल 2014 में बीएसपी के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय को 1,73,106 वोटों से हराकर था. साल 2014 के चुनावों बीएसपी दूसरे, सपा तीसरे और रालोद-कांग्रेस का गठबंधन चौथे स्थान पर रहा था. 

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