लोकसभा चुनाव 2019: सपा का गढ़ रहा है संभल, 2014 में BJP ने बिगाड़ा था राजनीतिक खेल
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लोकसभा चुनाव 2019: सपा का गढ़ रहा है संभल, 2014 में BJP ने बिगाड़ा था राजनीतिक खेल

इस सीट से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और दिग्गज नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी सांसद चुने जा चुके हैं.

संभल उत्तर प्रदेश लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में आठवां स्थान रखता है.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 नजदीक है. कहते हैं दिल्ली की सत्ता का रास्ता दिल्ली से होकर गुजरता है. ऐसे में यूपी की 80 सीटों पर सबकी निगाहें हैं. संभल उत्तर प्रदेश लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में आठवां स्थान रखता है. संभल समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. मुस्लिम बहुल इलाका होने के बावजूद 2014 के चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी, जिसे समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना गया. साल 2014 में बीजेपी के सत्यपाल सैनी चुनाव जीतकर सांसद चुने गए. इस सीट से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और दिग्गज नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी सांसद चुने जा चुके हैं.

2014 में क्या बना था समीकरण
2014 के चुनाव में में यहां पर बीजेपी के सत्यपाल सिंह सैनी ने सपा प्रत्याशी डा. शफीकुर्रहमान बर्क को हराया था. सत्यपाल सिंह और शफीकुर्रहमान बर्क के बीच अंतर महज 5174 वोटों का अंतर रहा था. 2014 के चुनाव में सपा दूसरे और बसपा तीसरे नंबर पर रही थी. 

संभल लोकसभा सीट का इतिहास
संभल लोकसभा क्षेत्र मुरादाबाद से अलग हुआ जिला है. संभल लोकसभा पर पहली बार 1977 में अस्तित्व में आई थी. संभल में पहली बार 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय लोक दल की शांति देवी ने विजय प्राप्त की. 1989 से लेकर 1996 तक जनता दल के श्रीपाल सिंह यादव लगातार यहां 2 बार सांसद चुने गए थे, 1996 में श्रीपाल सिंह यादव को बहुजन समाज पार्टी के धर्मपाल यादव ने हराया. समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव 1998 में यहां से सांसद बने. मुलायम सिंह यादव दो बार संभल से सांसद रह चुके हैं. 2004 में समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव यहां से सांसद बने. 2009 में यह सीट बहुजन समाज पार्टी के डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क यहां से एमपी चुने गए. 

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