रायगढ़ जिला अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के कारण छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर जाना जाता है. यहां 1999 से लगातार बीजेपी काबिज है
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नई दिल्ली: रायगढ़ जिला अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के कारण छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर जाना जाता है. यहां 1999 से लगातार बीजेपी काबिज है. भारतीय जनता पार्टी के विष्णु देव साय ने तीन बार यहां से चुनाव में जीत दर्ज कराकर हैट्रिक बनाई है. लेकिन इस बार सीट पर कांटे की टक्कर नजर आ रही है. यहां भारतीय जनता पार्टी ने गोमती साई, कांग्रेस ने लालजीत सिंह राठिया और बहुजन समाज पार्टी ने इनोसेंट कुजुर में काफी कड़ा मुकाबला है.
इनके अलावा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने अमृत तिरकी, भारतीय ट्राइबल पार्टी ने कृपाशंकर भगत, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने जय सिंह सिदार, किसान मजदूर संघर्ष पार्टी ने ज्योति भगत, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया ने रविशंकर सिदार, शिवसेना ने विजय लाकरा और बहुजन मुक्ति पार्टी ने वीर कुमार टिग्गा को टिकट हासिल हुआ है.
इसके साथ ही तारिक तरंगिणी, तेजराम सिदार, नवल किशोर राठिया और प्रकाश कुमार उरांव बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं. इस सीट पर साल 1999 से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विष्णु देव साय चुनाव जीतते आ रहे हैं. हालांकि इस बार उनका टिकट काट दिया गया है और उनकी जगह गोमती साई को चुनाव मैदान में उतारा गया है.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के विष्णु देव साय ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने अपनी करीबी कांग्रेस प्रत्याशी आरती सिंह को हराया था. अगर साल 2009 की बात करें, तो उस बार भी भारतीय जनता पार्टी के टिकट से विष्णु देव साय ने कांग्रेस के हृदय राम राठिया को हराया था. वहीं साल 2004 के लोकसभा चुनाव में भी विष्णु देव साय ने कांग्रेस के रामपुकार को करारी हार का स्वाद चखाया था.
छत्तीसगढ़ की रायगढ़ लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है. रायगढ़ जिले का रायगढ़ शहर अपने कोयले के भंडरों और बिजली उत्पादन के लिए मशहूर है. यह देश का बड़ा लोहा-स्टील का उत्पादक भी है. रायगढ़ को 'ढोकरा कास्टिंग' या 'बेल मेटल कास्टिंग' के साथ ही रेशम के दो प्रकारों- तसर सिल्क और शहतूत सिल्क के लिए जाना जाता है.