सपा ने गोरखपुर से प्रवीण निषाद का टिकट काटा, कानपुर से इस नेता पर खेला दांव
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सपा ने गोरखपुर से प्रवीण निषाद का टिकट काटा, कानपुर से इस नेता पर खेला दांव

प्रवीण निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे हैं और 2017 में सपा के चुनाव चिन्ह पर सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर में जीत दर्ज़ की थी.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: जिस निषाद पार्टी के साथ समझौता कर समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर लोकसभा का उपचुनाव जीता था, आज उसी निषाद पार्टी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन यूपी में टूट गया है. जहां कल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और अखिलेश-माया पर उपेक्षा का आरोप लगाया. तो वहीं शनिवार (30 मार्च) को समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर से सपा के मौजूदा सांसद प्रवीण निषाद का टिकट काट, रामभुआल निषाद को दिया है. प्रवीण निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे हैं और 2017 में सपा के चुनाव चिन्ह पर सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर में जीत दर्ज़ की थी.

समाजवादी पार्टी ने आज एक साथ दो निषाद बिरादरी के प्रत्याशियों की घोषणा की. गोरखपुर से सपा ने रामभुआल निषाद को अपना प्रत्याशी बनाया है. तो, वहीं कानपुर लोकसभा सीट से रामकुमार को टिकट दिया है. रामकुमार भी निषाद जाति से हैं और इनके भाई पूर्व सांसद रह चुके हैं. रामभुआल निषाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की सरकार में मंत्री रह चुके हैं और गोरखपुर के बड़े निषाद नेता के तौर पर जाने जाते हैं. 

सूत्र बता रहे हैं कि निषाद पार्टी यूपी में अब बीजेपी से गठबंधन कर रही है और बीजेपी निषाद पार्टी को यूपी की 2 लोकसभा सीट दे सकती है. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से शुक्रवार को संजय निषाद की बातचीत फाइनल हो चुकी है और अब सिर्फ औपचारिक ऐलान ही बाकी है.

 

Zee News ने आपको पहले ही बताया था कि कैसे यूपी की 25 सीटों पर निषाद मतदाताओं का ख़ास प्रभाव है. आज यही कारण है कि सभी दल यूपी के 5% निषाद मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं. योगी अपने गढ़ में निषाद पार्टी को बीजेपी के साथ लाने में सफल रहे तो अखिलेश ने कानपुर और गोरखपुर से निषाद प्रत्याशी का ऐलान कर निषादों को मैसेज देने की कोशिश की है. भले ही कानपुर लोकसभा सीट में सिर्फ 30-35 हज़ार ही निषाद मतदाता क्यों ना हो. 

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