मुझे हटाने के लिए कांग्रेस-लेफ्ट वाले पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं: PM मोदी
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मुझे हटाने के लिए कांग्रेस-लेफ्ट वाले पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं: PM मोदी

पीएम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में लेफ्ट की सिर्फ सरकार या चेहरा ही नहीं बदला है. बल्कि एक मजबूत विकल्प दिया है, एक मजबूत सरकार दी है, एक सोच दी है, सरकार चलाने का एक संस्कार दिया है. एक ऐसी सरकार दी है जो ईमानदारी से चल रही है, पारदर्शिता के साथ चल रही है, यहां की कानून-व्यवस्था को सुधार रही है.

त्रिपुरा में पीएम मोदी ने लेफ्ट पार्टियों पर जमकर निशाना साधा.

अगरतला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा के उदयपुर (UDAIPUR) की चुनावी सभा में वामदलों पर जोरदार हमले किए. उन्होंने रैली में कहा कि त्रिपुरा आज देशभर में परिवर्तन का सबसे बड़ा प्रतीक बन चुका है. पिछले साल जिस तरह आप सभी ने अराजकता, अक्षमता, भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाली और विकास विरोधी लेफ्ट फ्रंट की सरकार को उखाड़ फेंका है, वह एक मिसाल बन गया है.

पीएम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में लेफ्ट की सिर्फ सरकार या चेहरा ही नहीं बदला है. बल्कि एक मजबूत विकल्प दिया है, एक मजबूत सरकार दी है, एक सोच दी है, सरकार चलाने का एक संस्कार दिया है. एक ऐसी सरकार दी है जो ईमानदारी से चल रही है, पारदर्शिता के साथ चल रही है, यहां की कानून-व्यवस्था को सुधार रही है.

पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा ने त्रिपुरा में दिखाया है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो परिवर्तन हो सकता है, देश को पीछे धकेलने वाली व्यवस्थाओं को ठीक किया जा सकता है. आपने लेफ्ट के जुर्म को सहा, लेकिन बीजेपी बड़ी हो उसका आपने इंतज़ार किया और जैसे है बीजेपी बड़ी हुई आपने लेफ्ट फ्रंट की सरकार को उखाड़ फेंका और उससे भी बड़ा आपने उससे भी लाल तृणमूल कांग्रेस को जगह नहीं दी. आज बंगाल का हाल देखो बीजेपी ने दिखाया है की अगर इच्छा शक्ति हो तो परिवर्तन हो सकता है आप सभी का ये साथ, ये विश्वास ही है कि आज राष्ट्रहित में, जनहित में ये चौकीदार कड़े और बड़े फैसले ले पा रहा है.

उन्होंने कहा कि चाहे गरीबी और बीमारी से लड़ाई हो, भ्रष्टाचार से लड़ाई हो या फिर देश के दुश्मनों को सबक सिखाने की बात, ये चौकीदार आपके भरोसे पर खड़ा है. कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर मोदी को हटाने में जुटे हैं, फिर चाहे उन्हें वैसी ही बात क्यों ना करनी पड़े जैसी पाकिस्तान करता है. ये ऐसे महामिलावटी हैं जो त्रिपुरा और केरल में दिखाने के लिए अलग-अलग लड़ते हैं, लेकिन दिल्ली में चौकीदार को गाली देने के लिए एक साथ खड़े हो जाते हैं. 

ये दिखावे के लिए अलग-अलग दिखते हैं, लेकिन भारत के टुकड़े करने की इच्छा रखने वालों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाते हैं, अगर लेफ्ट की मदद न होती, पर्दे के पीछे का खेल न होता तो कांग्रेस के नामदार केरल की तरफ क्यों जाते? आखिर पांडिचेरी में कांग्रेस की सरकार है, वहां से लड़ सकते थे.

कर्नाटक में महामिलावट की सरकार है, वहां से लड़ सकते थे. आंध्र प्रदेश के यू-टर्न बाबू, जिनके साथ उनकी नई-नई दोस्ती हुई है, वहां से लड़ सकते थे. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ से लड़ सकते थे, लेकिन वह इन राज्यों से नहीं लड़े. ये ठीक है पंजाब में उन्हें दिक्कत हो सकती थी. एक तो कैप्टन साहब की अलग धारा और दूसरी तरफ 84 के सिख दंगों की आंच, उन्हें पंजाब में जीतने नहीं देती.

पीएम मोदी ने कहा कि त्रिपुरा के लोगों ने जिस तरह वाम मोर्चे की सरकार को बाहर किया, इससे देश के लिए एक मिसाल कायम हुई है, विशेषकर बंगाल के लिए. त्रिपुरा में कहा, कांग्रेस और वाम मोदी को बाहर करने के लिए काम कर रही है, चाहे इसके लिए उन्हें पाकिस्तान के हित का समर्थन ही क्यों ना करना पड़े. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि तृणमूल त्रिपुरा में अपनी जगह बनाने की भरसक कोशिश कर रही है, लेकिन लोगों ने ऐसा होने नहीं दिया. उन्होंने वाम मोर्चे का अत्याचार सहा है, अब वे भाजपा के आने का धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहे हैं. कांग्रेस सरकार में मध्यमवर्गीय लोगों को हमेशा नुकसान हुआ है, पार्टी ने कहा है कि मध्यमवर्ग पर और कर लगाए जाने चाहिए.

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