चुनाव आयोग की कार्रवाई, CM योगी 72 घंटे और मायावती 48 घंटे नहीं कर पाएंगी चुनाव प्रचार
लोकसभा चुनाव 2019 (lok sabha elections 2019) के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप है.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (lok sabha elections 2019) के तहत चुनाव प्रचार के दौरान विवादित टिप्पणी के मामले में चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है. चुनाव आयोग ने बसपा प्रमुख मायावती और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर चुनाव प्रचार को लेकर बैन लगा दिया है. दोनों पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप है.
चुनाव आयोग की ओर से मायावती और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर लगाए गए प्रचार बैन के मुताबिक मायावती अब 48 घंटे और योगी आदित्यनाथ 72 घंटे तक चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे. दोनों पर यह प्रतिबंध मंगलवार (16 अप्रैल) सुबह 6 बजे से प्रभावी होगा. इस प्रतिबंध के मद्देनजर अब दोनों नेता 18 अप्रैल को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगे. मंगलवार को सीएम योगी नगीना और फतेहपुर सीकरी में प्रस्तावित रैली नहीं कर पाएंगे. वहीं मायावती आगरा में प्रस्तावित अखिलेश यादव की रैली में शामिल नहीं हो पाएंगी.
7 अप्रैल को सहारनपुर में हुई सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन की संयुक्त रैली में भी मायावती ने धर्म के नाम पर वोट मांगा था. चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने मुस्लिम वोटर्स से अपील करते हुए कहा था कि वह चुनाव में एकतरफा वोट करें. उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं का आह्वान करते हुए कहा था कि कांग्रेस नहीं बल्कि सिर्फ महागठबंधन ही भाजपा से लड़ सकता है. कांग्रेस ने महागठबंधन को हराने के लिये ही अपने प्रत्याशी खड़े किये हैं.
उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा को हराना है तो मुस्लिम बिरादरी के सभी लोग अपना वोट बांटने के बजाय महागठबंधन को एकतरफा वोट दें. 13 अप्रैल को बसपा प्रमुख मायावती ने बुलंदशहर में चुनावी रैली के दौरान कहा था, 'हमें अली और बजरंगबली दोनों चाहिए क्योंकि वह दलित समाज से हैं. हमारे अली भी है और बजरंगबली भी हैं.' उन्होंने कहा कि ये जाति की पहचान भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है, हमने नहीं.
वहीं सीएम योगी ने भी अली और बजरंगबली पर टिप्पणी की थी. साथ ही गाजियाबाद में पिछले दिनों एक चुनावी सभा में उन्होंने बीजेपी के लिए प्रचार करते हुए भारतीय सेना को ‘मोदी जी की सेना’ करार दिया था. सीएम योगी की इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था. विपक्षी नेताओं ने योगी पर हमला बोलते हुए उन पर सेना का ‘अपमान करने’ का आरोप लगाया था. चुनाव आयोग ने गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट से इस मामले में रिपोर्ट तलब की थी.