बेगूसराय लोकसभा सीट : कौन संभालेगा भोला सिंह की राजनीतिक विरासत?
भोला सिंह का हाल ही में निधन हो गया. इसके बाद से 2019 के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को लेकर कयासों का बाजार गर्म है.
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बोगूसराय : आगामी लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. लोकसभा सीटों को लेकर दावेदारी पेश की जा रही है. बिहार की बागूसराय लोकसभा सीट भी इन दिनों सुर्खियों में है. 2014 के आम चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भोला सिंह चुनाव जीते थे. उनका हाल ही में निधन हो गया. इसके बाद से 2019 के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को लेकर कयासों का बाजार गर्म है. जेएनयू के पूर्व छात्र अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लड़ने को लेकर भी संभावने जतायी जा रही है.
1778789 मतदाताओं वाले बेगूसराय सीट पर 2014 के चुनाव में 1077855 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इस चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मो. तनवीर हसन को 369892 वोट मिले वहीं, बीजेपी उम्मीदवार 428227 मतों के साथ चुनाव जीतने में सफल रहे. कभी बेगूसराय को वामपंथियों का गढ़ भी कहा जाता था, लेकिन सीपीआई उम्मीदवार 192639 मतों के साथ तीसरे नंबर रहे थे.
बेगूसराय में कुल सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें चेरिया बरियारपुर, बछवारा, तेघरा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी विधानसभा सीट आती है. 1952 में देश में हुए प्रथम आम चुनाव में कांग्रेस के मथुरा प्रसाद मिश्र यहां से चुनाव जीते थे. वह 1962 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतने में सफल रहे. 1962 में पहली बार यहां सीपीआई की जीत हुई थी और योगेंद्र शर्मा सांसद बने थे.
1971 में कांग्रेस के श्यामनंदन मिश्र चुनाव जीते. 1977 में उन्होंने पाला बदला और जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े और सांसद बने. 1980, 1984 और 1991 में कृष्णा साही कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते थे. 1989 में यहां जनता दल की टिकट पर ललित विजय सिंह चुनाव जीते थे. 1996 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर रमेंद्र कुमार ने चुनाव जीत कर सभी को चौंका दिया था, लेकिन 1998 में इस सीट पर फिर कांग्रेस ने कब्जा जमाया.
जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की स्थापना हुई थी. 1999 में बेगूसराय सीट से राजवाश्मी महतो चुनाव लड़ रहे थे और जीते भी. इसके बाद से दो बार लगातार इस सीट पर जेडीयू का कब्जा रहा. 2004 में राजीव रंजन सिंह और 2009 के चुनाव में डॉ. मोनाजिर हसन सांसद बने थे.