चुनाव 2019: देवरिया में बीजेपी के सामने गठबंधन और कांग्रेस खड़ी करेंगे बड़ी चुनौती
Advertisement

चुनाव 2019: देवरिया में बीजेपी के सामने गठबंधन और कांग्रेस खड़ी करेंगे बड़ी चुनौती

कहा जा रहा है कि देवरिया लोकसभा सीट पर बीजेपी और सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर होगी.

देवरिया संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) का सियारी रण अपने चरम पर है. किसी समय कांग्रेस का अभेद्य किला रही देवरिया लोकसभा सीट पर पार्टी तीन दशक से जीत को तरस रही है. बीजेपी के मौजूदा सांसद कलराज मिश्र ने लोकसभा चुनाव 2019 लड़ने से मना कर दिया था. इसके बाद देवरिया लोकसभा सीट पर उत्तर प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया गया है. रमापति त्रिपाठी संतकबीर नगर के मौजूदा सांसद शरद त्रिपाठी के पिता है. शरद त्रिपाठी ने हाल में अपनी ही पार्टी के विधायक के साथ जूतमपैजार की थी. शरद का टिकट कट गया है.

 

 

देवरिया को संत देवरहा बाबा की धरती के रूप देशभर में जाना जाता है. करीब चार दशकों तक राजनीति में रहे बीजेपी प्रत्याशी रमापति राम त्रिपाठी के सामने कांग्रेस ने नियाज अहमद खान को प्रत्याशी बनाया है. नियाज अहमद 2014 के आम चुनाव में बसपा के उम्मीदवार रहे थे. वहीं, सपा-बसपा गठबंधन की ओर से विनोद जायसवाल चुनाव मैदान में हैं. 

2014 में ये था जनादेश
2014 के आम चुनाव में देवरिया लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर कलराज मिश्र ने 4,96,500 वोट पाकर जीत हासिल कर संसद में पहुंचने में कामयाब रहे थे. कलराज मिश्र ने बसपा उम्मीदवार नियाज अहमद को ढाई लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. नियाज अहमद को 2,31,114 वोट मिले थे. वहीं, तीसरे स्थान पर रहे सपा के बालेश्वर यादव को 1,50,852 वोट मिले थे. देवरिया लोकसभा सीट पर कुल मतदाता संख्या 18,06,926 है. इनमें 9,97,314 पुरुष मतदाता और 8,09,319 महिला मतदाता हैं.

ऐसा है राजनीतिक इतिहास
बाराबंकी लोकसभा सीट पर अभी तक 16 बार चुनाव हुए हैं. इनमें 7 बार कांग्रेस को जीत मिली है. 2 बार जेडीयू, 2 बार सपा, 3 बार बीजेपी, एक बार बसपा और एक बार पीएसपी को जीत मिली है. देवरिया लोकसभा सीट पर हुए पहले आम चुनाव में कांग्रेस के विश्‍वनाथ राय ने जीत दर्ज की थी. 1957 से लेकर 1984 तक इस सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व स्थापित रहा. 1989 और 1991 में इस सीट पर जेडीयू जीती थी. 1989 के बाद से देवरिया लोकसभा सीट पर अलग-अलग पार्टियों ने जीत की. देवरिया संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है. 

Trending news