लोकसभा चुनाव 2019: जानिए, कैसा है धार का सियासी गणित?
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लोकसभा चुनाव 2019: जानिए, कैसा है धार का सियासी गणित?

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट से वर्तमान समय में भाजपा की सावित्री ठाकुर सांसद हैं, 2014 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी उमंग सिंघर को मात दी थी.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः मध्य प्रदेश की धार लोकसभा सीट कभी कांग्रेस के कब्जे में हुआ करती थी, लेकिन वक्त के साथ-साथ धार पर कांग्रेस की पकड़ कमजोर होती गई और अब यह सीट भाजपा के कब्जे में है. हालांकि, यहां जनता जनार्दन अब किसी पार्टी नहीं बल्कि चेहरे के दम पर अपना प्रतिनिधि चुनती है और यही कारण है कि यहां न तो बीजेपी और न ही अब कांग्रेस का राज है. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट से वर्तमान समय में भाजपा की सावित्री ठाकुर सांसद हैं, 2014 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी उमंग सिंघर को मात दी थी.

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राजनीतिक इतिहास
धार लोकसभा सीट पर पहली बार 1967 में लोकसभा चुनाव हुआ, जिसमें भारतीय जनसंघ के भारत सिंह को जीत मिली. अगले दो चुनावों में भी धार लोकसभा सीट से भारत सिंह ही सांसद चुने गए, लेकिन 1980,1984,1989 और 1991 में यहां कांग्रेस ने परचम लहराया. वहीं 1996 में धार लोकसभा सीट पर भाजपा को जीत मिली, लेकिन इसके अगले ही चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस ने फिर वापसी की.

1998 के बाद 1999 में भी कांग्रेस को ही जीत हासिल हुई. 2004 में वापसी करते हुए भाजपा ने धार लोकसभा सीट को अपने खाते में शामिल किया, लेकिन फिर 2009 में कांग्रेस ने वापसी की और जीत हासिल की. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में जनता जनार्दन ने फिर अपना फैसला बदला और भाजपा प्रत्याशी को अपना प्रतिनिधि चुना.

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2014 के राजनीतिक समीकरण
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सावित्री ठाकुर को धार लोकसभा सीट से जीत मिली. इस चुनाव में उन्हें 5,58,387 तो कांग्रेस के उमंग सिंघर को 4,54,059 वोट मिले. वहीं बसपा प्रत्याशी अजय रावत धार में तीसरे नंबर पर रहे.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड
2014 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर धार से सांसद चुनी गईं सावित्री ठाकुर को उनके निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए 26.38 करोड़ का फंड आवंटित किया गया था, जिसमें से उन्होंने 22.75 करोड़ राशि खर्च कर दी, जबकि 4.08 फंड बिना खर्च किए रह गया.

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