जालंधर लोकसभा सीट: बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती, 20 साल से कांग्रेस का कब्जा
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जालंधर लोकसभा सीट: बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती, 20 साल से कांग्रेस का कब्जा

2014 में 16वीं लोकसभा के जनादेश में जालंधर सीट पर कांग्रेस के संतोख सिंह चौधरी ने अकाली दल के पवन कुमार टीनू को 70,981 वोटों से हरा कर जीत का परचम लहराया था.

जालंधर लोकसभा में कुल 13,39,842 मतदाता हैं

जालंधर: लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. देश की सभी छोटी बड़ी पार्टियों ने राजनीति की शतरंज पर अपने दांव चलने शुरू कर दिए हैं. इसी कड़ी में पंजाब के जालंधर में भी राजनीतिक बिसात बिछ चुकी है. वैसे जालंधर लोकसभा सीट के इतिहास को देखें तो पार्टी ने कभी अपने उम्मीदवार को रिपीट नहीं किया है और इस समय जालंधर से कांग्रेस के सांसद चौधरी संतोख सिंह हैं. 

2014 में 16वीं लोकसभा के जनादेश में जालंधर सीट पर कांग्रेस के संतोख सिंह चौधरी ने अकाली दल के पवन कुमार टीनू को 70,981 वोटों से हरा कर जीत का परचम लहराया था. संतोख सिंह को 36.6 फीसदी वोट और अकाली दल के टीनू को 29.7 वोट फीसद मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर 2,54,121 वोट लेकर आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार ज्योति मान रही थीं.

जालंधर लोकसभा की बात करें तो यहां 9 विधानसभा सीटें आती हैं. जिसमें जालंधर सेंट्रल, शाहकोट, करतारपुर (सुरक्षित),फिल्लौर (सुरक्षित), नाकोदर, जालंधर वेस्ट (सुरक्षित), जालंधर नॉर्थ, जालंधर कैंट और आदमपुर (सुरक्षित) है. वहीं वोटर्स की बात करें तो जालंधर लोकसभा में कुल 13,39,842 मतदाता हैं, जिसमें 6,52,692 महिला मतदाता और 6,87,150 पुरुष मतदाता हैं.

वहीं 2009 को लोक सभा चुनावों पर नजर डालें तो उन चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार मोहिंदर सिंह केपी ने अकाली दल के हंस राज हंस को हराया था. बतां दें कि इस सीट पिछले 20 साल से कांग्रेस का कब्जा रहा है. जालंधर लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर 17 बार लोकसभा चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस ने 13 बार बाजी मारी. वहीं उपचुनावों की बात करें तो यहां मात्र एक बार उपचुनाव हुआ है.  

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