लोकसभा चुनाव 2019: किसकी होगी झांसी, गठबंधन की राह होगी आसान या BJP दूसरी बार भी खिलाएंगी कमल!
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लोकसभा चुनाव 2019: किसकी होगी झांसी, गठबंधन की राह होगी आसान या BJP दूसरी बार भी खिलाएंगी कमल!

साल 2014 में समाजवादी पार्टी दूसरे, बहुजन समाज पार्टी तीसरे और कांग्रेस चौथे स्थान पर रहा थी. साल 2014 के चुनाव में 19,32,052 वोटरों ने हिस्सा लिया था.

झांसी में पहली बार साल 1952 में लोकसभा चुनाव हुआ था.
झांसी में पहली बार साल 1952 में लोकसभा चुनाव हुआ था.

नई दिल्ली: चंदेल राजाओं का गढ़ रहा झांसी में इस समय बीजेपी का कब्जा है. बुंदेलखंड की धरती का यशस्वी इतिहास रहा है. वैसे झांसी, चंदेल राजाओं का गढ़ था लेकिन, झांसी को वीरता-त्याग का पर्याय रानी लक्ष्मीबाई की धरती के नाम से जाना जाता है. उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 46वें नंबर की सीट है. इस लोकसभा में उत्तर प्रदेश विधानसभा की पांच सीटें आती हैं. बबीना, ललितपुर, झांसी नगर, महरौनी और मऊरानीपुर, जिनमें से महरौनी और मऊरानीपुर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. 

साल 2014 का जनादेश
साल 2014 में बीजेपी ने यहां से जीत दर्ज की और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती को लोगों ने जीतकर संसद तक पहुंचाया. साल 2014 में समाजवादी पार्टी दूसरे, बहुजन समाज पार्टी तीसरे और कांग्रेस चौथे स्थान पर रहा थी. साल 2014 के चुनाव में 19,32,052 वोटरों ने हिस्सा लिया था.

 

ऐसा है राजनीतिक इतिहास
झांसी में पहली बार साल 1952 में लोकसभा चुनाव हुआ. पहली बार यहां हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के  रघुनाथ विनायक धुलेकर ने यहां से जीत दर्ज की थी. साल 1952 से 1977 तक के पांच आम चुनावों में कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की थी.  साल 1989 में पहली बार यहां से बीजेपी जीती थी और उसके बाद साल 1998 तक के चुनावों में बीजेपी ही जीतते आई और राजेंद्र अग्निहोत्री यहां से चार बार सांसद बनें.  साल 1999 के चुनावों में कांग्रेस ने फिर सफलता हासिल की. साल 2004 में समाजवादी पार्टी इस सीट पर पहली बार जीती. 2009 में कांग्रेस के प्रदीप जैन आदित्य ने इस सीट पर जीत दर्ज की. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में उमा भारती पर झांसी के लोगों ने भरोसा किया और संसद तक पहुंचाया. 

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